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February 5, 2025
हिमाचल में लगेगा पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट, जानिए इससे जनता को क्या होगा फायदा
प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट, CM सुक्खू रखेंगे आधारशिला
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सोलन। हिमाचल प्रदेश देश का पहला ग्रीन पावर स्टेट बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में CM सुखविंदर सिंह सुक्खू आज प्रदेश के पहले ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। यह प्रोजेक्ट नालागढ़ के दभोटा में स्थापित किया जाएगा, जहां मुख्यमंत्री दोपहर 2:30 बजे शिलान्यास करेंगे।
यह संयंत्र नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली प्राप्त कर ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में व्यापक कमी आएगी और प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा। इस प्लांट की स्थापना से हिमाचल प्रदेश हरित ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाएगा।
इस परियोजना के तहत 1 मेगावाट क्षमता वाला ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिसकी रोजाना 423 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की क्षमता होगी। सालाना उत्पादन की बात करें तो यह संयंत्र 1,54,395 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। इस परियोजना के लिए 4,000 वर्ग मीटर भूमि चिह्नित की गई है। इसके निर्माण पर 9.04 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट को 18 महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा है ताकि मार्च 2026 तक हिमाचल को देश का पहला ग्रीन पावर स्टेट बनाने का सपना साकार किया जा सके। यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाने वाली साबित होगी।
सरकार ने इस ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र को स्थापित करने के लिए 26 अप्रैल 2023 को ऑल इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता सौर ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, जियोथर्मल ऊर्जा और कमप्रेस्ड बायोगैस के विकास पर केंद्रित है।
यह सौर ऊर्जा परियोजनाएं ऊना, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, मंडी और शिमला जिलों में कुल 501 मेगावाट क्षमता के 5 सौर पार्क और 212 मेगावाट क्षमता की स्थापित होंगी।
सरकार का मानना है कि इस प्रोजेक्ट से हिमाचल प्रदेश ना केवल अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल स्थापित करेगा। इसके अलावा-