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May 3, 2025

व्यवस्था परिवर्तन! दफ्तर का काम छोड़कर अफसर बेच रहे हैं शराब, लंबे इंतजार से परेशान लोग 

शिमला के पार्षदों तक के काम रुके 

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साहब ठेका संभाल रहे हैं

 शिमला। कंगाली की कगार पर पहुंच चुकी हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार को अब शराब की बिक्री से ही कमाई की उम्मीद है। इस उम्मीद को जिंदा रखने के लिए सरकार ने शिमला नगर निगम के ज्यादातर अफसरों और कर्मचारियों को शराब बेचने के काम में लगा दिया है। आलम यह है कि दफ्तर का काम छोड़कर अफसर शराब के ठेकों में बोतलें बेच रहे हैं। उधर, नगर निगम में टैक्स और बिल जमा करवाने के लिए आए लोगों को कुर्सियों पर कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है। 


शराब बेचने को लेकर जिला प्रशासन के इस झुकाव का सबसे बुरा असर नगर निगम की संपदा और टैक्स शाखा पर पड़ा है। अकेले शिमला शहर में शराब के 19 ठेकों को चलाने का काम नगर निगम को सौंपा गया है। इसके लिए 18 होमगार्ड के साथ निगम के 20 से ज्यादा कर्मचारी और सात इंस्पेक्टर लगाए गए हैं। इनकी ड्यूटी सुबह 10 बजे से रात 11.30 बजे तक की होती है। 

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चारों इंस्पेक्टरों को ठेकों पर लगाया 

बताया जाता है कि नगर निगम की संपदा शाखा के चारों इंस्पेक्टरों को शराब ठेकों में हिसाब-किताब का काम देखने को लगाया गया है। इन इंस्पेक्टरों का मूल काम किराया वसूलने, तहबाजारियों को हटाने, एनओसी देने का होता है। लेकिन इन्हें शराब के ठेकों में स्टॉक, बिक्री, कैश का काम सौंप दिया गया है। ऐसे में शिमला के लोगों को अगर कोई काम हो तो उन्हें दफ्तर में बैठकर इंस्पेक्टरों के ठेके से लौटने का इंतजार करना पड़ता है। 

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इंजीनियर बना रहे हैं शराब के पास

शिमला नगर निगम में पदस्थ जूनियर इंजीनियरों को शराब के पास बनाने का काम दिया गया है। इस व्यवस्था परिवर्तन से नगर निगम के पार्षद खासे नाराज हैं, क्योंकि उनका काम रुका पड़ा है। पार्षदों के नए काम के प्रस्ताव लटके हुए हैं। एक ओर जहां नगर निगम इस व्यवस्था परिवर्तन को अस्थायी बता रहा है, वहीं शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि शराब के ठेकों को चलाने के लिए होमगार्ड के और भी जवानों को लगाया जाएगा। जिन ठेकों के लिए जवान मिल गए हैं, वहां से कर्मचारियों की ड्यूटी हटाई जाएगी। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि शराब बेचना होमगार्ड के जवानों का भी काम नहीं है। ऐसे में इस व्यवस्था परिवर्तन का असर शहर की ट्रैफिक और कानून-व्यवस्था पर भी पड़ना तय है।

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