#विविध

September 25, 2025

हिमाचल में सहारा योजना 'बेसहारा', मदद को तरस रहे मरीज- तीन महीने से सरकार ने रोका है बजट

विधानसभा में भी इस मुद्दे को कई बार उठाया जा चुका है

शेयर करें:

Himachal Sahara Scheme

शिमला। हिमाचल प्रदेश में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए जीवनरेखा मानी जाने वाली सहारा योजना पिछले तीन महीनों से पूरी तरह ठप हो गई है। योजना का लाभ ना मिलने के कारण मरीजों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है।

हिमाचल में हांफी सहारा योजना

कैंसर, लकवा, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और 50 प्रतिशत से अधिक विकलांगता जैसी घातक बीमारियों से पीड़ित लोगों को हर महीने मिलने वाली 3000 रुपये की आर्थिक सहायता बंद हो चुकी है। इससे हजारों मरीज और उनके परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।

हिमाचल : बाढ़ प्रभावितों का हाल देख सुक्खू सरकार पर भड़के जयराम, बोले इनकी भी सुध लो

तीन महीने से सरकार ने रोका है बजट

सरकार की इस योजना का उद्देश्य लंबे इलाज के दौरान गरीब और असहाय मरीजों को दवाइयों और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए मदद देना है। लेकिन अब मरीज महीनों से हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर रहे हैं, जहाँ उन्हें सिर्फ यही जवाब मिल रहा है कि “बजट जारी नहीं हुआ।” विधानसभा में भी इस मुद्दे को कई बार उठाया जा चुका है, मगर अभी तक ठोस समाधान नहीं निकला है।

मदद को तरस रहे मरीज

  • केस स्टडी 1: लाल सिंह, कुफरी (शिमला)

लाल सिंह पिछले तीन महीने से लगातार हेल्पलाइन पर कॉल कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें यही कहा जाता है कि सरकार से बजट नहीं आया। वह कहते हैं, “दवाइयों के लिए सहारा योजना की राशि ही सहारा थी, अब उधार लेकर इलाज करवाना पड़ रहा है।”

यह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार को हाईकोर्ट की दो टूक, बागवानी विभाग के आउटसोर्स कर्मियों को किया जाए रेगुलर

  • केस स्टडी 2: अंजली ठाकुर, मंडी
    पैरा स्पोर्ट्स चैंपियन अंजली ठाकुर, जिन्हें मुख्यमंत्री खुद सम्मानित कर चुके हैं, नवंबर से सहायता राशि से वंचित हैं। वह बार-बार परिवार के साथ कार्यालय के चक्कर लगा रही हैं, मगर अब तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
  • केस स्टडी 3: कौशल्या देवी, सिरमौर
    मनवा गांव की दिव्यांग महिला कौशल्या देवी बताती हैं कि पिता नहीं हैं और पति भी छोड़कर जा चुका है। वह कहती हैं, “सहारा योजना ही जीने का सहारा थी, लेकिन अब तीन महीने से यह मदद भी बंद है।”

यह भी पढ़ें : हिमाचल : 20 KM दूर मिली अमित की देह, दो सगे भाई अभी भी नदी में लापता- खबर सुन दादा बेहोश

सवालों के घेरे में सरकार

स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा से जब इस संबंध में संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल भी व्यस्त होने के कारण टिप्पणी नहीं कर पाए। मरीजों और उनके परिजन सवाल कर रहे हैं कि अगर सामाजिक सुरक्षा की सबसे अहम योजना ही बंद हो जाएगी तो गरीब मरीजों का इलाज कैसे चलेगा। दूसरी ओर, हिमकेयर योजना के तहत भी अस्पतालों में मरीजों का उपचार प्रभावित बताया जा रहा है।

नोट : ऐसी ही तेज़, सटीक और ज़मीनी खबरों से जुड़े रहने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें।

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख