#विविध

June 15, 2025

हिमाचल : जिंदगी की जंग लड़ रहा बेटा, बेबस पिता के पास नहीं है इलाज के लिए पैसे, आप भी करें मदद

परिवार गूगल पे नंबर 8894191470 पर लोगों से मदद की अपील कर रहा है

शेयर करें:

Rajkumar Nirmand

कुल्लू। कहते हैं कि जिंदगी एक इम्तहान है, हर मोड़ पर आजमाइश है, कभी उम्मीद की रौशनी, तो कभी दर्द की साजिश है। ऐसी ही कुछ कहानी है कुल्लू जिले की तहसील निरमंड के रहने वाले बेटे राजकुमार की।

15 साल से बिस्तर पर पड़ा है राजकुमार

निरमंड के एक छोटे से गांव शठाल में रहने वाला राजकुमार पिछले 15 वर्षों से बिस्तर पर पड़ा है। महज 30 साल की उम्र में वह जिंदगी और बीमारी के बीच संघर्ष कर रहा है। राजकुमार ने 7वीं कक्षा तक पढ़ाई की- उसके बाद राजकुमार के सपनों को स्पाइन ट्यूमर की बीमारी ने जकड़ लिया।

यह भी पढ़ें : शिमला होटल कांड - पुलिस के सामने आरोपी ने उगला सच, बताया कैसे मिटाने चाहे सबूत और क्यों...

आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर

राजकुमार के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। पिता सीता राम, मां और चार भाई-बहनों के साथ यह परिवार एक-एक दिन जैसे-तैसे काट रहा है। राजकुमार के पिता ड्राइवरी करते थे, लेकिन बेटे की बीमारी के चलते उनका काम छूट गया। अब वो घर पर हैं और बेटे की देखरेख कर रहे हैं।

Rajkumar Bank Account

पहले भी हो चुका है इलाज

बीमारी की शुरुआत 2011 में हुई थी और तब से अब तक इलाज के लिए हर संभव प्रयास किए जा चुके हैं। चंडीगढ़ के अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए लगभग 3 लाख रुपये का खर्च बताया है। वहीं, दिल्ली के डॉक्टरों ने इस इलाज को और जटिल बताते हुए 7 से 10 लाख रुपये तक का अनुमान जताया है।

यह भी पढ़ें : केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर क्रैश : पायलट और मासूम समेत 5 लोगों ने त्यागे प्राण, मौके पर NDRF की टीमें

रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर

 

राजकुमार की रीढ़ की हड्डी में तीन किलो से अधिक वजन का ट्यूमर है- जो न केवल उसकी चलने-फिरने की ताकत छीन चुका है, बल्कि अब उसे खाना खाने और बोलने तक में तकलीफ हो रही है।

इलाज के लिए चाहिए पैसे

इलाज के लिए परिवार गूगल पे नंबर 8894191470 पर लोगों से मदद की अपील कर रहा है। ये एक ऐसी पुकार है जिसे अनसुना करना इंसानियत से दूर जाना होगा। राजकुमार की देखभाल के लिए एक व्यक्ति का हर वक्त पास होना भी जरूरी है, जिससे परिवार पर दोहरी जिम्मेदारी आ गई है – सेवा की भी और खर्च की भी।

यह भी पढ़ें : हिमाचल: आंगन में बैठी महिला के मुंह से निकला झाग, कुछ ही देर में थम गई सांसें

अगर समाज के लोग एकजुट होकर थोड़ा-थोड़ा सहयोग करें, तो यह तीन लाख का आंकड़ा कोई मुश्किल नहीं। यह खबर एक अपील भी है – एक बेटे के जीवन की उम्मीद, एक मां-बाप के सपनों की लौ और इंसानियत की जिम्मेदारी।

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख