#विविध
April 26, 2025
सुक्खू सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने वाले प्रायमरी टीचरों की कटेगी सैलरी , बागियों की पहचान के आदेश
बयानबाजी करने वाले टीचरों को करेंगे सस्पेंड
शेयर करें:
शिमला। शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन का विरोध करने वाले हिमाचल प्रदेश के 22 हजार प्रायमरी टीचरों की एक दिन की सैलरी कटेगी। ये टीचर शनिवार को शिमला के चौड़ा मैदान में सरकार के खिलाफ हल्ला बोल के लिए इकट्ठे हुए थे। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने इसे नाफरमानी मानते हुए शिक्षा निदेशालय को टीचरों की पहचान के आदेश दिए हैं।
यह भी पढ़ें : BREAKING: हिमाचल में अनुबंध भर्तियों पर रोक, सरकार ने 20 फरवरी के कानून को बदला
शिक्षा सचिव ने प्रायमरी टीचर फेडरेशन के उन पदाधिकारियों को कंपल्सरी रिटायरमेंट देने को कहा है, जिन्होंने प्रदर्शन न करने के विभागीय नोटिस के बावजूद सरकार के खिलाफ बयानबाजी की थी। आपको बता दें कि शुक्रवार को शिक्षा सचिव की ओर से जारी नोटिस के जवाब में फेडरेशन के नेताओं ने साफ कर दिया था कि सरकार चाहे जो कदम उठाए, आंदोलन तो होकर रहेगा। शनिवार को सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में प्रायमरी टीचर चौड़ा मैदान पर इकट्ठा हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
स्कूल शिक्षा निदेशक ने सरकार के खिलाफ बयानबाजी करने वाले प्रायमरी टीचरों को पहचानकर उन्हें कंपल्सरी रिटायरमेंट देकर घर भेजने के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को शिक्षकों की पहचान करने को कहा गया है। आदेश में कहा गया है कि फेडरेशन के टीचर ऑनलाइन काम नहीं कर रहे हैं, वे ऑनलाइन हाजिरी भी नहीं लगा रहे हैं औ न ही मध्यान्ह भोजन का काम कर रहे हैं। शिक्षा सचिव ने कहा है कि उप शिक्षा निदेशक ऐसे टीचरों पर लगातार निगरानी रखें और जो भी काम करने में कोताही करे, उसे रिटायर कर घर भेज दें।
शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को पत्र लिखकर शनिवार के विरोध प्रदर्शन को मिस कंडक्ट माना है। उन्होंने इसे केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 का उल्लंघन भी बताया है। प्रायमरी शिक्षक संघ शिक्षा निदेशालयों के पुनर्गठन का विरोध कर रहा है। प्रायमरी टीचर्स फेडरेशन ने 16 अप्रैल को ही सरकार को प्रदर्शन का नोटिस भेज दिया था। इसके 9 दिन बाद 25 अप्रैल को शिक्षा सचिव ने फेडरेशन को नोटिस भेजकर आंदोलन न करने की धमकी दी थी। मगर शिक्षक नहीं माने। चौड़ा मैदान पर प्राइमरी टीचरों का धरना अभी भी जारी है।