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September 9, 2025
पीएम मोदी बोले - हिमाचल को फिर से करेंगे खड़ा, अपने दूसरे घर के लिए कर गए कई बड़ी घोषणाएं
जान गंवाने वालों के परिजनों को दो लाख घायलों को 50 हजार देने का ऐलान
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धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में हालिया भूस्खलनए बाढ़ और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से मची तबाही के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्य का दौरा किया। उन्होंने सबसे पहले हवाई सर्वेक्षण के जरिए प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और उसके बाद धर्मशाला में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पीएम ने प्रभावित परिवारों और किसानों के लिए राहत पैकेज की कई अहम घोषणाएं कीं।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को 1500 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार राज्य को हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी के सामने चार मुख्य मांगे रखीं। सरकार ने कहा कि इस आपदा ने प्रदेश को ₹4,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान दिया है और राज्य अपने दम पर इससे उबर नहीं सकता। दूसरी मांग वन अधिकार कानून में छूट को लेकर थी। पहाड़ी राज्यों के लिए सख़्त नियम राहत कार्यों में अड़चन बनते हैं, इसलिए हिमाचल ने केंद्र से इस कानून में लचीलापन लाने का प्रस्ताव रखा।
तीसरी मांग भूमि आवंटन और पुनर्वास के नियमों में ढील को लेकर थी। पहाड़ों से विस्थापित परिवारों को सुरक्षित जगह बसाने के लिए आसान प्रावधान ज़रूरी बताए गए। चौथी मांग राहत वितरण के मौजूदा नियमों में संशोधन की थी, ताकि प्रभावित लोगों तक मुआवज़ा और सहायता जल्द और पारदर्शी ढंग से पहुँच सके। यानी सरकार की पूरी कोशिश यही रही कि हिमाचल को इस संकट से उबारने के लिए न केवल धनराशि मिले बल्कि ऐसे नियम भी बदले जाएं जो राहत की गति को रोकते हैं।
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प्रधानमंत्री ने इस आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने खेत-खलिहानों से लेकर बुनियादी ढांचे तक की बहाली के लिए केंद्र की ओर से कई विशेष कदमों की भी घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने एसडीआरएफ की दूसरी किस्त एडवांस में जारी करने की घोषणा की। इसके साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त भी जल्द ही किसानों को देने का भरोसा दिलाया। पीएम मोदी ने कहा कि बाढ़ से तबाह हुई खेती-बाड़ी को सहारा देने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। जिन किसानों के पास बिजली कनेक्शन नहीं है, उन्हें अतिरिक्त आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके अलावा पशुधन को बचाने और दुग्ध उत्पादन बनाए रखने के लिए मिनी किट्स वितरित की जाएंगी।
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प्रधानमंत्री ने बताया कि पीएम आवास योजना के तहत क्षतिग्रस्त मकानों का जियो-टैगिंग किया जाएगा, ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर मुआवजा और सहायता मिल सके। इसी तरह, समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों का भी सर्वे किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षा व्यवस्था जल्द सामान्य हो सके।
पीएम मोदी ने कहा कि बाढ़ में क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्गों और मुख्य सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता पर की जाएगी। साथ ही, भविष्य में आपदा से बचाव और पानी की किल्लत दूर करने के लिए पानी संग्रहण हेतु रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे, जिससे भूजल स्तर सुधर सके।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही इंटर-मिनिस्ट्रियल टीमें हिमाचल भेज चुकी है, जो नुकसानों का आकलन कर रही हैं। उनकी रिपोर्ट के आधार पर राज्य को अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
पीएम मोदी ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन और आपदा मित्र वालंटियर्स के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इनकी मेहनत और त्वरित कार्रवाई से हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी है। प्रधानमंत्री ने अंत में आश्वासन दिया कि केंद्र और राज्य मिलकर हिमाचल को फिर से खड़ा करेंगे और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी।
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समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने कुल्लू और मंडी जिलों के कुछ आपदा प्रभावित लोगों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। प्रधानमंत्री ने एक साल की बच्ची नितिका को भी अपने पास बुलाया। नितिका ने 30 जून को मंडी में बादल फटने से आई बाढ़ में अपने माता.पिता और दादी को खो दिया था। प्रधानमंत्री ने बच्ची को टॉफी दी और गोद में उठाकर उसे दुलार किया।
राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इस वर्ष के मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश को अब तक 4122 करोड़ रुपये की सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ है। 370 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जिनमें से 69 लोगों की जान भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं में गई है। 41 लोग अब भी लापता हैं। राज्य सरकार ने खुद के स्तर पर विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है, जिसमें पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 7 लाख रुपये, आंशिक नुकसान पर एक लाख रुपये, और दुकानों/ढाबों को हुए नुकसान पर भी एक लाख रुपये तक की सहायता दी जा रही है।
चंबा, मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों के कई गांव अब भी मुख्य सड़कों और जिला मुख्यालयों से कटे हुए हैं। कई स्थानों पर एक सप्ताह से अधिक समय से बिजली और मोबाइल नेटवर्क बाधित है। राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर अंजाम दिया जा रहा है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्रधानमंत्री को राज्य की आपदा से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी और केंद्र सरकार के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि हिमाचल के लिए यह एक राहत की खबर है और पीएम ने राज्य के साथ आत्मीयता का परिचय दिया है।