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May 11, 2025
हिमाचल: घर पहुंची शहीद पवन जरियाल की पार्थिव देह, मां-पत्नी बेसुध; पिता हुए निशब्द
पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए थे पवन जरियाल
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शाहपुर (कांगड़ा)। भारत और पाकिस्तान के बीच भले ही सीजफायर हो गया हो, लेकिन पांच दिन तक चले इस संघर्ष में हिमाचल ने अपना एक जवान खो दिया। कांगड़ा जिला के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के सूबेदार मेजर पवन जरियाल बीते रोज सुबह पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हो गए। आज दोपहर बाद उनकी पार्थिव देह उनके घर लाई गई। घर पहुंची शहीद की देह देख कर मां और पत्नी का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था।
शाहपुर के सिहोलपुरी के रहने वाले 48 वर्षीय सुबेदार मेजर पवन कुमार 25 पंजाब रेजिमेंट में तैनात थे। उनके शहीद होने पर जहां उनके पिता गरज सिंह को बेटे पर फर्ख्ज्ञ है, वहीं बेटे की शहादत पर गमगीन भी थे। बड़ी बात यह है कि जवान पवन जरियाल दो माह बाद यानी 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले थे। लेकिन रिटायरमेंट से मात्र दो माह पहले ही वह देश के लिए शहीद हो गए।
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आज उनकी पार्थिव देह के इंतजार में भारी संख्या में लोग उनके घर पर पहुंचे हुए थे। जैसे ही शहीद की देह उनके घर पहुंची, तो हर तरफ से चीख पुकार मच गई। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों सहित सुलह के विधायक विपिन परमार, मेजर विजय सिंह मनकोटिया, पूर्व विधायक सरवीण चौधरी भी पहुंची हुई थी।
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बेटे की देह देख कर मां के मुंह से बार बार एक ही बात निकल रही थी। कि बेटे ने दो माह बाद रिटायर होना था, लेकिन यह क्या हो गया। बेटे की देह देखकर मां के आंसू नहीं रूक रहे थे। जवान की पार्थिव देह को कुछ समय के लिए उनके घर में रखा गया है। उसके बाद जवान को अंतिम यात्रा पर ले जाया जाएगा।
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शाहपुर में सिहोलपुरी के सूबेदार मेजर पवन जरियाल के बलिदान की सूचना शनिवार सुबह साढ़े 8 बजे परिवार को मिली थी। जिसके बाद परिवार के साथ साथ पूरे गांव में मातम पसर गया। परिजनों का रो.रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी बलिदानी के घर पहुंचे। बलिदानी पवन कुमार के घर में बुजुर्ग पिता गरज सिंह, माता, पत्नी सुषमा देवी, पुत्र अभिषेक कुमार और पुत्री अनामिका रह गए हैं। उनका बेटा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा हैए जबकि बेटी कॉलेज में पढ़ती है।