#विविध
July 15, 2025
हिमाचल आपदा : मलबा पार कर स्कूल पहुंचे बच्चे, एक-दूसरे के गले लगकर बांटा दुख-दर्द
मलबे में बही बच्चों की किताबें और यूनिफॉर्म
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले को इस बार बरसात ने कभी ना भूलने वाले गम दिए हैं। सोमवार सुबह जब सराज के स्कूलों के दरवाजे खुले, तो छात्रों का उत्साह देखने लायक था। सीनियर सेकेंडरी स्कूल बगस्याड़ में बच्चे एक-दूसरे से गले मिले, कुछ की आंखों में आंसू थे तो कुछ की मुस्कान में राहत की झलक।
भले ही स्कूल पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा- कहीं टूटे रास्ते, तो कहीं कीचड़ और मलबे से पटी गलियां। लेकिन बच्चों के जज्बे सारी मुश्किलों को बौना कर दिया। हालांकि, बच्चों के चेहरे पर आपदा का डर अभी भी था। आपदा का अनुभव सांझा करते हुए बच्चों की आंखें भर आई।
स्कूल के पहले दिन बच्चों के साथ अभिभावक भी स्कूल तक पहुंचे। कुछ ने गुम हो चुके बैग, किताबों और यूनिफॉर्म की चिंता साझा की, तो कई ने शिक्षकों से बच्चों की पढ़ाई को लेकर चर्चा की। पहले दिन उपस्थिति लगभग 60% के आसपास रही, क्योंकि कई क्षेत्रों में संपर्क मार्ग अब भी बाधित हैं, और कई बच्चे अब तक आवश्यक शैक्षणिक सामग्री से वंचित हैं।
इस बीच सेवानिवृत्त शिक्षक और स्थानीय समाजसेवी बच्चों के समर्थन में आगे आए हैं। नोटबुक, स्टेशनरी और अन्य सामग्री दान करने का आश्वासन मिला है, ताकि पढ़ाई में आई रुकावट को जल्द से जल्द दूर किया जा सके। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों का स्कूल जाना सिर्फ पढ़ाई का हिस्सा नहीं है, यह हमारे जीवन में उम्मीद की वापसी है।
SDM थुनाग रमेश कुमार के अनुसार, सराज क्षेत्र के नौ प्राइमरी स्कूल 16 जुलाई तक बंद रहेंगे। वहीं, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक यशवीर धीमान ने बताया कि आपदा के बाद पहले दिन उपस्थिति कम रही है, लेकिन व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास युद्धस्तर पर जारी है।
आपदा के 15वें दिन सराज में जनजीवन थोड़ी राहत की ओर बढ़ा है। बगस्याड़ तक सड़क बहाल की गई है और बस सेवा शुरू हो चुकी है। जंजैहली क्षेत्र में भी सोमवार को बिजली बहाल कर दी गई, जिससे जीवन में गति लौटने लगी है। मगर परंतु अभी भी 27 लोग लापता हैं। उन्हें ढूंढने के लिए एनडीआरएफ, सेना, पुलिस और स्थानीय लोग लगातार खड्डों, नालों और चट्टानों के बीच खतरनाक इलाकों में तलाश अभियान चला रहे हैं।