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July 18, 2025
हिमाचल : सावन महीने में 5 दिन तक निर्वस्त्र रहती हैं इस गांव की महिलाएं, पति-पत्नी नहीं करते बातचीत
लाहुआ घोंड देवता से जुड़ी मान्यता, सैकड़ों साल पुरानी परंपरा आज भी निभाते हैं लोग
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कुल्लू। सावन का महीना शिव भक्ति और आस्था का प्रतीक माना जाता है। इसी पावन महीने में हिमाचल प्रदेश की मणिकर्ण घाटी का एक गांव पीणी, एक अनोखी और रहस्यमयी परंपरा के लिए चर्चा में आ जाता है। यहां हर साल सावन में विवाहित महिलाएं लगातार 5 दिन तक निर्वस्त्र रहती हैं।
हालांकि अब वे शरीर पर एक बेहद पतला वस्त्र लपेटती हैं। इस दौरान पति-पत्नी के बीच बातचीत भी पूरी तरह वर्जित होती है। बता दें कि यहां केवल महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी नियमों में रहते हैं।
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गांव में मान्यता है कि यदि कोई महिला इस परंपरा का पालन नहीं करती तो उसे कुछ ही दिनों में अशुभ समाचार या अनहोनी का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि पीणी गांव की महिलाएं आज भी इस परंपरा को पूरी श्रद्धा और अनुशासन के साथ निभाती हैं। इस दौरान पुरुषों को भी शराब और मांसाहार से पूरी तरह परहेज करना होता है।
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इस परंपरा के पीछे 'लाहुआ घोंड देवता' की एक पुरानी लोककथा है। बताया जाता है कि अतीत में इस क्षेत्र में राक्षसों का आतंक था, जो गांव की सबसे सुंदर, सजे-धजे महिलाओं को अगवा कर ले जाते थे। तब लाहुआ घोंड देवता ने गांव में आकर राक्षसों का संहार किया। इसके बाद से गांव में यह प्रथा बनी कि महिलाएं पांच दिनों तक साधारण वस्त्रों या निर्वस्त्र रहकर, सजने-संवरने से बचें, ताकि किसी बुरी शक्ति की दृष्टि उन पर न पड़े।
पीणी गांव की यह परंपरा आधुनिक सोच से अलग जरूर दिख सकती है, लेकिन गांववाले इसे अपने अस्तित्व और देवता की कृपा से जोड़कर देखते हैं। यह नियम तोड़ने को वे देवता की अवमानना मानते हैं और मानते हैं कि ऐसा करने से अनिष्ट संभव है।