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November 4, 2025

इसी माह होगा हिमाचल विस का शीतकालीन सत्र, अब तक का सबसे लंबा सत्र बुला रही सुक्खू सरकार

तपोवन में सता पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिलेगी तीखी नोकझोक

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himachal vidhansabha

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर पक्ष और विपक्ष आमने सामने आने वाले वाले हैं। जी हां हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में इसी माह आयोजित किया जाएगा। जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिल सकती है। बताया जा रहा है कि इसी माह नवंबर में आयोजित होने वाला यह सत्र इतिहास में अब तक का सबसे लंबे शीतकालीन सत्र होगा। 

इसी माह होगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र

यह जानकारी हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने दी है। कुलदीप पठानिया बीते रोज सोमवार को शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के रैत में आयोजित फेडरेशन कप क्लासिक एवं इक्विप्ड पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप 2025 में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे हुए थे। कुलदीप पठानिया ने बताया कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस वर्ष नवंबर यानी इसी माह के आखिरी सप्ताह में धर्मशाला के तपोवन परिसर में आयोजित किया जाएगा। शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से 5 दिसंबर तक धर्मशाला तपोवन विधानसभा में आयोजित किया जाएगा। पठानिया ने बताया कि इस बार सत्र में कुल आठ बैठकें होंगी, जो राज्य विधानसभा के इतिहास में अब तक का सबसे लंबा शीतकालीन सत्र होगा।

 

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पर्यटन सीजन के चलते नवंबर में होगा सत्र

अध्यक्ष पठानिया ने कहा कि दिसंबर माह में धर्मशाला और आस.पास के इलाकों में पर्यटन सीजन की शुरुआत को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, ताकि स्थानीय व्यवसायियों और पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि दिसंबर में सुरक्षा व प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर पड़ने वाले अतिरिक्त दबाव को कम करने के उद्देश्य से सत्र को नवंबर के अंतिम सप्ताह में शिफ्ट किया गया है।

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विपक्ष के सवालों से गरमाएगा माहौल

राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि इस बार का शीतकालीन सत्र सिर्फ अपनी अवधि के कारण ही नहीं, बल्कि गरम राजनीतिक मुद्दों के चलते भी सुर्खियों में रहेगा। विपक्ष सत्र के दौरान सरकार को बेरोज़गारी, महंगाई, कर्मचारियों की मांगों और हाल ही में हुए तबादलों के मुद्दों पर घेरने की पूरी तैयारी में है।

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विधानसभा सूत्रों के अनुसार विपक्ष के नेता सत्र को जनता के मुद्दों की आवाज़ बनाने का दावा कर रहे हैं, जबकि सत्तापक्ष विकास कार्यों और सुशासन के अपने एजेंडे को मजबूती से पेश करने की रणनीति पर काम कर रहा है। माना जा रहा है कि कई तीखे सवालों और कटाक्षों के बीच यह सत्र राजनीतिक तापमान को बढ़ा सकता है।

देश की पहली पेपरलेस विधानसभा

विधानसभा अध्यक्ष पठानिया ने इस मौके पर कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा देश की पहली पूर्णत पेपरलेस विधानसभा है, जिसने पारदर्शिता और दक्षता की दिशा में एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने बताया कि सभी विधायी कार्य अब डिजिटल माध्यम से संचालित किए जा रहे हैं, जिससे समय और संसाधनों की बचत के साथ.साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिल रहा है।

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