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September 25, 2025

हिमाचल में फिर हुई ED की एंट्री: बड़े कांग्रेस नेता से जुड़ा है ये करोड़ों का घपला!

45 करोड़ रुपए लोन से जुड़े दस्तावेज पेश करने का नोटिस जारी

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KCC Bank Loan Settlement

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश की राजनीति एक बार फिर ईडी (ED) की कार्रवाई से गरमा गई है। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक विवाद में प्रवर्तन निदेशालय ने 45 करोड़ रुपए के लोन से जुड़े कथित घपले की जांच तेज करते हुए एक बड़े कांग्रेस नेता से जुड़े दस्तावेज तलब किए हैं। ईडी ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर तय समय में जरूरी कागजात पेश करने के निर्देश दिए हैं।

KCC बैंक विवाद में ED की एंट्री

बताया जा रहा है कि सरकारी बैंक ने आरएस बेल्वेडरे होटल को 45 करोड़ रुपए का लोन दिया था। बाद में होटल ने समय पर भुगतान नहीं किया, जिसके चलते बैंक ने वन टाइम सेटलमेंट (OTS) के तहत मात्र 21 करोड़ रुपए ही वसूले और शेष 24 करोड़ रुपए की राशि माफ कर दी।

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45 करोड़ रुपए का दिया था लोन

होटल का यह लोन साल 2016 में NPA घोषित हो गया था। इसके बाद बैंक ने नोटिस जारी कर संपत्ति पर कब्जा करने की कार्रवाई शुरू की थी। बैंकिंग विशेषज्ञों के अनुसार, बैंक को होटल की संपत्ति की नीलामी कर उचित मूल्य वसूलना चाहिए था, लेकिन बैंक प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया।

राजनीतिक दबाव और विवाद

सूत्रों के अनुसार, यह होटल अब कांगड़ा के एक प्रभावशाली नेता से जुड़े लोगों के पास है। आरोप है कि सेटलमेंट राजनीतिक दबाव में किया गया और इससे बैंक को 24 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।

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इस मामले ने बैंक की साख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता के लिए बैंक अक्सर सख्ती दिखाता है, लेकिन बड़े और प्रभावशाली मामलों में यह ढील दिखाई देने से विवाद पैदा हो रहा है।

क्या हैं प्रमुख सवाल?

  • बिना नीलामी किए सीधे OTS क्यों किया गया?
  • किसके दबाव में KCC बैंक ने यह सेटलमेंट किया?
  • किन बैंक अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी की?

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लोन सेटलमेंट से जुड़े दस्तावेज

कांगड़ा सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने ED नोटिस मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि OTS मामले से संबंधित सभी दस्तावेज ED को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बैंक ने पूरी कार्रवाई नियमों के तहत की है और बैंक की पूंजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह सुरक्षित हैं।

BOD को कर दिया निलंबित

राज्य सरकार ने बैंक के निदेशक मंडल (BOD) को 12 सितंबर को निलंबित कर दिया। बिगड़ती प्रशासनिक स्थिति और RBI एवं NABARD के कानूनी दिशा-निर्देशों की अनदेखी को देखते हुए रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसाइटी ने यह कदम उठाया। इसके साथ ही मंडलायुक्त कांगड़ा, विनोद कुमार को प्रशासक नियुक्त किया गया है।

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