#विविध

May 16, 2025

हिमाचली बागवानों को राहत: तुर्की ने पाकिस्तान को दिए ड्रोन, भारत ने बंद किया सेब आयात

हिमाचल की अर्थव्यवस्था में सेब की हिस्सेदारी लगभग 5000 करोड़ रुपये की है

शेयर करें:

Himachal News

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के दौरान तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया। ड्रोन, हथियार और यहां तक कि सैनिक सहायता भेजकर तुर्की ने भारत के खिलाफ पक्ष लिया।

 

इस कार्रवाई के बाद अब भारत में तुर्की के उत्पादों के बहिष्कार की शुरुआत हो गई है। दिल्ली की सबसे बड़ी फल मंडी आजादपुर के व्यापारियों ने तुर्की से सेब का आयात बंद करने का फैसला लिया है।

यह भी पढ़ें : सड़क किनारे फोन पर बात कर रहा था पंचायत प्रधान, बेकाबू ट्रक ने रौंदा- क्षेत्र में दौड़ी दुख की लहर

सेब का आयात बंद, व्यापारियों ने जताया विरोध

आजादपुर फल मंडी के अध्यक्ष मीठा राम कृपलानी ने जानकारी दी कि तुर्की से अब कोई नया सेब आयात नहीं किया जाएगा। पहले से मंगाए गए कंटेनर तो आएंगे, लेकिन भविष्य में न तो सेब और न ही कोई अन्य फल या उत्पाद तुर्की से मंगवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि देशहित को ध्यान में रखते हुए और वर्तमान परिस्थितियों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है।

2024 में आया था 1.16 लाख टन तुर्की सेब

वर्ष 2024 में भारत ने तुर्की से 1.16 लाख टन सेब आयात किया था। ये सेब साउथ एशियन फ्री ट्रेड एरिया (SAFTA) समझौते के तहत आयात होते हैं, जिस कारण इन पर आयात शुल्क भी नहीं लगता। तुर्की से आने वाला सेब सस्ता और आकर्षक होता है, जिससे हिमाचली सेब को बाजार में सीधी टक्कर मिलती है। अब इस आयात पर रोक लगने से हिमाचल के बागवानों को बड़ा लाभ मिलेगा।

यह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला : होम स्टे के लिए बने नए रूल्स, तीन कैटेगरी बनेगी- यहां जानिए

हिमाचल के बागवानों को मिलेगा बड़ा बाजार

तुर्की से सस्ते सेब आने के कारण हिमाचली प्रीमियम सेब को काफी नुकसान उठाना पड़ता था। खासकर शिमला, कुल्लू, किन्नौर और मंडी जैसे जिलों में सेब की फसल की सही कीमत नहीं मिल पाती थी।

 

बागवानों का कहना है कि तुर्की जैसे देशों से आने वाला सेब भले ही सामान्य गुणवत्ता का हो, लेकिन "इंपोर्टेड" टैग की वजह से ग्राहक उसे प्राथमिकता देते हैं। अब जब तुर्की से आयात बंद होगा तो हिमाचली सेब की मांग और कीमत दोनों बढ़ेगी।

यह भी पढ़ें : दिल्ली से शिमला तक फैला रखा था चिट्टे का नेटवर्क, व्हाट्सएप से चलता था ड्रग रूट- 50 अरेस्ट

5 हजार करोड़ की सेब आधारित अर्थव्यवस्था को संजीवनी

हिमाचल की अर्थव्यवस्था में सेब की हिस्सेदारी लगभग 5000 करोड़ रुपये की है। करीब आठ जिलों में सेब की पैदावार होती है, जिनमें शिमला का हिस्सा 65-70 प्रतिशत तक है। बाहरी सेबों की मार के चलते पिछले कुछ वर्षों से हिमाचली बागवानों को लगातार घाटा हो रहा था। अब इस फैसले के बाद प्रदेश में नई उम्मीद जगी है।

प्रधानमंत्री को लिखी जा रही हैं चिट्ठियां

हिमाचल के बागवानी संगठनों ने केंद्र सरकार से बार-बार तुर्की से सेब के आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। हिमालयन सेब उत्पादक सोसायटी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तुर्की के सेब पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

यह भी पढ़ें : हिमाचल में पूर्व सैनिकों की पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी : जानिए अब कितने मिलेंगे पैसे

संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि तुर्की सेब के बहिष्कार का फैसला हिमाचली बागवानों के हित में ऐतिहासिक कदम होगा। तुर्की से सेब आयात का रिकॉर्ड (टन में)-

  • वर्ष    आयात मात्रा (टन)
  • 2015-16    205
  • 2016-17    3,636
  • 2017-18    7,430
  • 2018-19    16,028
  • 2019-20    32,290
  • 2020-21    43,674
  • 2021-22    93,901
  • 2022-23    1,07,220
  • 2023-24    1,17,663

पेज पर वापस जाने के लिए यहां क्लिक करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख