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August 6, 2025
हिमाचल में भारी बारिश का कहर जारी : 4 जिले हाई अलर्ट पर- स्कूलों में छुट्टियां घोषित
कोल डैम से बार-बार छोड़ा गया पानी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर कहर बरपा दिया है। बीती रात से प्रदेश के अधिकांश भागों में लगातार मूसलधार बारिश हो रही है, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन और जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। इससे तीन मुख्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात पूरी तरह ठप पड़ गया है।
भारी बारिश के चलते चंडीगढ़-मनाली फोरलेन पर दवाड़ा के पास भूस्खलन हुआ है, जिससे मार्ग बंद हो गया है। वहीं, कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर चक्की मोड़ के पास मलबा आने से वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है।
पठानकोट-कांगड़ा NH भी कांगड़ा जिले में बंद है। इन मार्गों पर फंसे सैकड़ों वाहन चालकों और यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेशभर में अभी तक 500 से अधिक सड़कें भूस्खलन या जलभराव की वजह से बंद पड़ी हैं।
एहतियातन प्रशासन ने शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों के कई सब-डिवीजनों में सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों और आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया है। शिमला जिले के कुमारसैन, चौपाल और ठियोग में, मंडी के करसोग और सुंदरनगर में, कुल्लू के निरमंड में तथा सोलन जिले के सभी शिक्षण संस्थानों में आज छुट्टी रही। शिमला शहर के कुछ प्रमुख निजी स्कूल जैसे सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट, चैल्सी और सेंट एडवर्ड्स स्कूल में भी एहतियातन कक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।
मौसम विभाग ने सुबह 10 बजे तक शिमला, मंडी, सोलन, सिरमौर और बिलासपुर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन क्षेत्रों में "एक-दो बार तेज बारिश के दौर चल सकते हैं। साथ ही चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और किन्नौर जिलों में भी अगले 24 घंटों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश का असर सतलुज नदी पर भी दिखाई दे रहा है। जलस्तर खतरनाक ढंग से बढ़ रहा है। इसी को देखते हुए कोल-डैम से बीते 24 घंटों में तीसरी बार पानी छोड़ा गया है। आज सुबह 6:30 बजे एक बार फिर डैम से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया, जिससे सतलुज का जलस्तर करीब 5 मीटर तक बढ़ गया है।
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इस स्थिति को देखते हुए पंजाब सरकार ने लोगों से सतलुज नदी के किनारे न जाने की सख्त हिदायत दी है। संबंधित विभागों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटा जा सके।
प्रशासन ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें, नदी-नालों के पास न जाएं और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर निगरानी तंत्र सक्रिय कर दिया गया है ताकि आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सके।
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हिमाचल में फिलहाल मानसून का रौद्र रूप जारी है। हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है, लेकिन मौसम का मिजाज जिस तरह से बिगड़ा हुआ है, उससे यह कहना मुश्किल है कि राहत जल्द मिलेगी। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें हरकत में हैं, लेकिन लोगों को भी खुद एहतियात बरतने की सख्त जरूरत है।