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July 2, 2025

हिमाचल में बादल फटने के बाद हाहाकार : 16 लोग लापता, अंधेरे में 100 गांव- 3 जिले अलर्ट पर

मोबाइल कनेक्टिविटी टूटी, 100 गांव में ब्लैक आउट

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Himachal Cloud Burst

मंडी। हिमाचल प्रदेश इन दिनों मानसून की सबसे खतरनाक मार झेल रहा है। खासतौर पर मंडी जिला, जहां सोमवार देर रात बादल फटने की 10 घटनाओं ने पूरे इलाके को तबाही की चपेट में ले लिया। अब तक की जानकारी के मुताबिक, कम से कम 16 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश पिछले 24 घंटों से जारी है।

16 लोग अभी भी लापता

प्रशासन की मानें तो अब इनके जिंदा मिलने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं। अब तक 5 शव बरामद किए जा चुके हैं। मंडी के थुनाग, जंजैहली, बगशयाड़, धर्मपुर और गोहर इलाकों में बारिश और भूस्खलन ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। थुनाग-जंजैहली-बगशयाड़ में 24 घंटे से ब्लैकआउट है। बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ठप हैं। 

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मलबे में बहे कई घर

प्रशासन को भी इन क्षेत्रों से नुकसान की पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है क्योंकि संपर्क पूरी तरह टूट गया है। थुनाग में कई घर फ्लैश फ्लड की चपेट में बह गए, लोग रात के अंधेरे में जान बचाकर ऊंची जगहों की ओर भागे। कई परिवार मंदिरों और स्कूलों में शरण लिए हुए हैं। प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ की टीमें सुबह 4 बजे भेजी गईं, जो राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं।

पशुधन और वाहन भी बहे

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, बादल फटने और उससे उपजे सैलाब में 10 मकान और 12 गोशालाएं पूरी तरह जमींदोज हो गईं। इनमें मवेशी भी बह गए। अब तक 26 जानवरों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें घोड़े, गाय, बकरियां और भेड़ें शामिल हैं। मंडी के विभिन्न क्षेत्रों से 50 से अधिक गाड़ियां और मोटरसाइकिलें बहने की खबर है।

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निर्माणाधीन टनल पर मंडरा रहा था खतरा

मंडी के बिजनी क्षेत्र में निर्माणाधीन टनल का एक सिरा अचानक टूट गया। घटना के समय मजदूर वहां कार्यरत थे, लेकिन उन्होंने समय रहते भागकर अपनी जान बचा ली। प्रशासन ने इलाके को सील कर जांच शुरू कर दी है। इस हादसे ने फिर से बड़े-बड़े निर्माण कार्यों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

100 गांवों में अंधेरा, जल स्रोत बह गए

मंडी के करसोग, बगशयाड़, धर्मपुर और गोहर क्षेत्र के 100 से अधिक गांवों में बिजली सप्लाई पूरी तरह बंद है। भारी बारिश और भूस्खलन ने बिजली के ट्रांसफॉर्मर, पानी की पाइपें और टैंक बहा दिए हैं। लोग बिना बिजली और पानी के बेहद कठिन हालातों में जी रहे हैं।

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कहां-कहां फटा बादल?

इस प्राकृतिक आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले को हुआ है।। बादल फटने की घटनाएं थुनाग, करसोग के कुट्टी बाइपास, ओल्ड बाजार और रिक्की गांव, गोहर के सियांज, बस्सी, तलवाड़ा, धर्मपुर के स्याठी और भदराना में हुईं। हर स्थान से नुकसान की तस्वीरें और दर्दनाक कहानियां सामने आ रही हैं।

कुल 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटनाक्रम पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए बताया कि पूरे प्रदेश में अब तक 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। 406 से अधिक सड़कों पर यातायात बंद, 1515 बिजली ट्रांसफॉर्मर ठप और 171 पेयजल योजनाएं बर्बाद हो चुकी हैं। अकेले मंडी में 300 से ज्यादा सड़कें पूरी तरह से बंद हैं।

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और भी जिलों में खतरे की घंटी

मौसम विभाग ने आज कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और शिमला, मंडी, हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। विभाग का कहना है कि इन क्षेत्रों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति बनी रह सकती है।

इससे पहले भी आई थी तबाही

यह पहली बार नहीं है कि हिमाचल इस तरह की प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा हो। 24 जून को कुल्लू के बिहाली गांव में 4 जगह बादल फटा था, जिसमें तीन लोग बह गए थे। केवल एक लड़की का शव बरामद हुआ है। धर्मशाला के खनियारा क्षेत्र में भी बादल फटा, जहां 8 मजदूर बाढ़ की चपेट में आए, जिनमें से 7 के शव मिले हैं और एक अब भी लापता है।

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