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August 4, 2025
हिमाचल में फिर भारी बारिश और बाढ़ का अलर्ट जारी, इन पांच जिलों पर मंडरा रहा खतरा
6 अगस्त को राज्य भर में येलो अलर्ट रहेगा
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर बनकर बरस रहा है। प्रदेश भर में पिछले दो दिन से रूक-रूक कर बारिश हो रही है। अब एक बार फिर मानसून अपना रौद्र रूप दिखा सकता है। जिससे आने वाले दो दिनों में राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विभाग ने आज के लिए पांच जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू और सिरमौर जिला में भारी बारिश हो सकती है। लगातार हो रही बारिश से कई क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
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मौसम विभाग के अनुसार, 6 अगस्त को राज्य भर में येलो अलर्ट रहेगा, जबकि 7 अगस्त से किसी भी प्रकार का मौसम अलर्ट प्रभावी नहीं रहेगा। बीते कुछ दिनों में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से भारी वर्षा दर्ज की गई है। रविवार को जहां ऊना जिले में बारिश नहीं हुई, वहीं शिमला, धर्मशाला, मंडी, चंबा और अन्य क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के कारण प्रदेश में 1 राष्ट्रीय राजमार्ग ;एनएच.505द्ध बंद हो गया हैए जबकि कुल 296 संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं। अकेले मंडी में 164, कुल्लू में 67, कांगड़ा में 25 और चंबा में 21 सड़कें बंद हैं। इसके अतिरिक्त 134 बिजली ट्रांसफार्मर और 266 पेयजल योजनाएं ठप्प पड़ी हैं, जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में राज्य को भारी जनहानि का सामना करना पड़ा है। अब तक 184 लोगों की मौत, 292 घायल और 36 लोग लापता हो चुके हैं। सबसे ज्यादा मौतें मंडी (37), कांगड़ा (30), कुल्लू (18), चम्बा (17) और शिमला (17) में हुई हैं। राज्य में इस दौरान 28 बादल फटने, 53 फ्लैश फ्लड और 47 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
मंडी जिला इस मानसून में सबसे अधिक प्रभावित रहा है, जहां 1089 घरों को नुकसान हुआ और 391 घर पूरी तरह से ढह गए हैं। वहीं अकेले मंडी में 16 बादल फटने, 12 भूस्खलन और 11 फ्लैश फ्लड की घटनाएं दर्ज की गई हैं। कुल मिलाकर राज्यभर में 1649 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 457 पूरी तरह नष्ट हो गए हैं।
अब तक राज्य को मानसून से 1714 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है। इसमें सबसे अधिक लोक निर्माण विभाग (PWD) को 888 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 580 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके अलावा लगभग 1483 पशुशालाएं भी प्रभावित हुई हैं और 1536 पशुओं के साथ-साथ 21,520 पोल्ट्री पक्षियों की भी मौत हुई है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अलर्ट के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें, विशेषकर भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में। जिला प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है और बंद सड़कों को खोलने तथा बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।