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July 15, 2025
हिमाचल सावधान! आज 8 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, गर्जन के साथ आसमान से बरसेगी आफत
5 जिलों में यलो और 3 में ऑरेंज अलर्ट जारी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश इस बार मानसून की मार से लगातार जूझ रहा है। प्रदेशभर में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगले पांच दिनों तक राज्य में बारिश से राहत मिलने की संभावना नहीं है।
हालात को देखते हुए प्रदेश सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट मोड पर है। आज राज्य के तीन जिलों सोलन, शिमला और सिरमौर में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र, शिमला के अनुसार इन जिलों के कुछ स्थानों पर गर्जन के साथ तेज और मूसलधार बारिश हो सकती है, जिससे भूस्खलन, सड़कें बंद होने और निचले इलाकों में जलभराव जैसे हालात बन सकते हैं।
इसके अलावा, ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां एक-दो स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। जिससे नदियों-नालों का जलस्तर बढ़ सकता है।
17 जुलाई के लिए ऊना, चंबा, कांगड़ा, मंडी और शिमला जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 18 जुलाई के लिए चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिलों में तेज बारिश की चेतावनी दी गई है। जबकि, 19 और 20 जुलाई को भी कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने के आसार हैं।
मौसम विभाग ने लगातार हो रही वर्षा के कारण भूस्खलन, पेयजल और विद्युत आपूर्ति बाधित होने की आशंका जताई है। विभाग ने आम लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है।
20 जून से 14 जुलाई के बीच हुई बारिश, बादल फटने और बाढ़ जैसी आपदाओं ने हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 24 लोगों की जान भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने से गई है। 44 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है और 34 लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश में टीमें लगी हैं।
अब तक आपदाओं से 787 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंच चुका है। कई सड़कों, पुलों, स्कूलों, जल विद्युत योजनाओं और आवासीय ढांचों को गंभीर क्षति पहुंची है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला प्रशासन लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। कुछ क्षेत्रों में सड़कें अब भी बंद हैं और जल आपूर्ति बाधित है। मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और सिरमौर जैसे जिलों में सड़कें बहाल करने का कार्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रशासन ने आपात नियंत्रण कक्षों को सक्रिय रखा है और लोगों को मोबाइल अलर्ट के जरिए चेतावनियां दी जा रही हैं।