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December 4, 2025
प्रमोशन लेकर घर आया था हिमाचल का जवान: पोस्टिंग के दूसरे ही दिन हार्ट अटैक आ गया
फौजी दस्ते ने सलामी देकर अंतिम विदाई दी
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ऊना। वीरभूमि हिमाचल में हमारा पहाड़ों का जीवन भले ही कठिन ही हो, लेकिन यहां गांव के बेटे जब वर्दी पहनकर देश की सरहदों पर सेवा के लिए निकलते हैं तो पूरा गांव उनके साहस पर गर्व करता है। मगर कई बार ये गर्व के पल जिन्दगी भर के मातम में बदल जाते हैं। जब किसी जवान के घर में उनके शहीद होने या निधन होने का समाचार पहुंचता है। ऐसा ही एक दुखद मामला सूबे के जिला ऊना से सामने आया है, जहां एक CRPF जवान के निधन की खबर उनके घर पहुंची।
जानकारी के अनुसार, ऊना जिले के नंगड़ा गांव का ऐसा ही एक सपूत CRPF जवान राम स्वरूप कटारिया था, जिसकी अचानक हुई मौत ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। राम स्वरूप कटारिया लगभग बीस वर्षों से देश की सेवा में तैनात थे। फर्ज निभाने में वह हमेशा अग्रणी रहे और इसी समर्पण के बीच कुछ दिन पहले वह छुट्टी पर अपने गांव आए थे।
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परिवार के साथ बिताए यही कुछ पल अब उनकी अंतिम स्मृतियां बन गए। छुट्टी समाप्त होने पर वह रैंक प्रमोशन की ट्रेनिंग के लिए ग्वालियर लौटे थे, लेकिन बुधवार को ड्यूटी के दौरान अचानक उनकी हृदय गति रुक गई और उन्होंने वहीं अंतिम सांस ले ली।
उनकी असामयिक मृत्यु की सूचना मिलते ही नंगड़ा गांव में शोक की लहर दौड़ गई। मां, पत्नी और अन्य परिवारजन इस सदमे को सह नहीं पा रहे हैं। गांव के लोग बताते हैं कि राम स्वरूप न सिर्फ एक अनुशासित जवान थे बल्कि बेहद शांत स्वभाव और मददगार व्यक्ति भी थे, इसलिए उनकी विदाई ने सभी को भीतर तक झकझोर दिया है।
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गुरुवार सुबह उनका पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ पैतृक गांव पहुंचाया गया। फौजी दस्ते ने सलामी देकर अपने साथी को अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार में प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय लोग और दूर-दराज से पहुंचे ग्रामीण मौजूद रहे। वातावरण में गूंजती जयकारों और नम आंखों के बीच, राम स्वरूप कटारिया पंचतत्व में विलीन हो गए।
उनकी शहादत ने एक बार फिर याद दिलाया है कि देश की रक्षा करने वाले जवान कितनी चुपचाप अपनी जान जोखिम में डालते हैं और अक्सर परिवार को पीछे छोड़कर फर्ज पर चलते रहते हैं। नंगड़ा गांव का यह वीर अब भले ही हमारे बीच नहीं है, लेकिन उसकी देशभक्ति और समर्पण की कहानी हमेशा याद रखी जाएगी।