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June 19, 2025

हिमाचल की आम जनता पर पड़ेगा बोझ : रजिस्ट्री और प्रमाण पत्र बनाना हुआ महंगा, अब इतनी लगेगी फीस

ई-हिम भूमि से लेकर रजिस्ट्रेशन बुक तक, सरकार ने शुल्क बढ़ाने की अधिसूचना जारी की

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himachal revenue fees

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सरकार ने राजस्व से जुड़े दस्तावेज़ों की फीस में 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है। बुधवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) की ओर से जारी अधिसूचना में यह फैसला लागू कर दिया गया। इससे ततीमा, जमाबंदी, खाना खतौनी, मसाबी और लोक प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेज बनवाना आम जनता के लिए अब ज्यादा महंगा हो गया है।

 

जमाबंदी और नकल के लिए अब देना होगा दोगुना शुल्क


पहले ई-हिम भूमि पोर्टल पर जमाबंदी या नकल की प्रति सिर्फ 10 रुपये में मिलती थी, लेकिन अब इसमें जीएसटी सहित 20 रुपये लगेंगे। मसाबी के शुल्क को भी 10 से बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है। ऑनलाइन डिजिटल लैंड रिकॉर्ड की प्रति कॉपी पर अब 15 रुपये देने होंगे, जो पहले 10 रुपये थी।

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रजिस्ट्रेशन दस्तावेजों में 20% की सीधी बढ़ोतरी


बुक-1 (जमीन खरीद-बिक्री, स्थानांतरण) के दस्तावेज़ पंजीकरण के लिए अब 590 रुपये देने होंगे, जबकि पहले यह 350 रुपये में होता था। बुक-3 और बुक-4 में भी फीस 20% तक बढ़ाकर 354 रुपये कर दी गई है।

 

प्रमाण पत्र भी महंगे, जीएसटी अलग से


बोनाफाइड, ओबीसी, एसटी और अन्य राजस्व से संबंधित प्रमाण पत्रों का शुल्क अब 15 से बढ़ाकर 24 रुपये कर दिया गया है। इसमें जीएसटी भी शामिल है। इससे स्कूल-कॉलेज और नौकरी के लिए आवेदन करने वाले युवाओं की जेब पर भी असर पड़ेगा।

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अब फीस का बंटवारा भी बदला


पहले जो पूरी राशि उपायुक्त ई-गवर्नेंस कमेटी को जाती थी, अब उसका 10 फीसदी हिस्सा निदेशक भूमि अभिलेख निदेशालय को जाएगा। यानी राजस्व दस्तावेज़ बनाने वाली व्यवस्था में भी अब फंड का बंटवारा बदला गया है।

 

जनता में नाराजगी


इस बढ़ोतरी से आम लोगों को खासी परेशानी होगी, खासकर ग्रामीण और निम्न आय वर्ग को। विपक्ष इस मुद्दे को जनता से जोड़कर सरकार पर हमला बोल सकता है। सवाल यह उठता है कि क्या डिजिटल इंडिया के दौर में लोगों को राहत देने के बजाय उन्हें और बोझिल बनाया जा रहा है?

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