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July 27, 2025
हिमाचल में अगले 5 दिन भारी : IMD ने दी बारिश की चेतावनी, हाई अलर्ट पर कई जिले
पिछले कुछ हफ्तों में हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं ने जबरदस्त तबाही मचाई है
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून की मार अभी थमी नहीं है। मौसम विभाग ने प्रदेशवासियों को एक बार फिर सचेत किया है। शनिवार से सक्रिय हुए वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते आज से लेकर आने वाले पांच दिनों तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का दौर जारी रह सकता है। इसके साथ ही लैंडस्लाइड, फ्लैश फ्लड और जलभराव जैसी घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, शनिवार को शिमला, मंडी और सिरमौर जिलों के कुछ इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई थी। जबकि अन्य जिलों में फिलहाल मौसम साफ रहने की संभावना जताई थी। हालांकि, मौसम ने स्थिति कभी भी बदल सकने की संभावना से भी इंकार नहीं किया था।
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मौसम विभाग ने इसी तरह से आज प्रदेश के कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग की मानें तो आज प्रदेश के छह जिलों ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में बारिश का यलो अलर्ट रहेगा। जबकि, कल यानी 28 जुलाई को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विभाग ने 29 जुलाई को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार 29 जुलाई को प्रदेश के चंबा, कांगड़ा कुल्लू और मंडी जिला में भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान कई जिलों में बारिश के बाद लैंडस्लाइड, जल भराब और बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
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राजधानी शिमला के रिज मैदान पर शनिवार को हल्की बारिश देखने को मिली। टूरिस्ट और स्थानीय लोग छतरियों के साथ मौसम का लुत्फ उठाते नजर आए। हालांकि, प्रशासन की ओर से लगातार सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 24 जुलाई तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं ने जबरदस्त तबाही मचाई है। इस दौरान प्रदेश भर में 25 जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आईं। वहीं, 30 स्थानों पर भारी लैंडस्लाइड हुआ। जबकि, 42 बार फ्लैश फ्लड की घटनाएं सामने आई हैं।
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इस तबाही से अब तक 1436 करोड़ रुपये की सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ है। इस आपदा में 1,291 मकान प्रभावित हुए हैं, जबकि 414 मकान पूरी तरह से ढह गए हैं। वहीं 877 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसी तरह से 1139 गोशालाएं और 297 दुकानें भी मलबे में तब्दील हो गईं। अब तक के मानसून में प्रदेश भरमें 153 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 43 लोगों की जान बादल फटने, बाढ़ और लैंडस्लाइड जैसी घटनाओं में गई, जबकि 71 लोग सड़क हादसों में मारे गए हैं।