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October 6, 2025
हिमाचल का कफ सिरप बच्चों के लिए सुरक्षित, नहीं कोई मिलावट- जांच में हुआ खुलासा
तमिलनाडु की कफ सिरप के सैंपल फेल
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सोलन। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में बड़े स्तर पर दवाइयों का निर्माण होता है। जिले के बद्दी क्षेत्र में नेक्सा DS कफ सिरप बनता है जो मध्य प्रदेश में भी सप्लाई होता है। हाल ही में खबर आई थी कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की मौत हुई है जिसके तार बद्दी में बने कप सिरप से जुड़ रहे हैं। इसके बाद सिरप के निर्माण पर रोक लगा दी गई थी और सिरप के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए थे। अब जांच रिपोर्ट आ गई है जिसके बाद हिमाचल के ड्रग विभाग ने राहत की सांस ली है।
राहत की बात ये है कि बद्दी में बनने वाले कफ सिरप की रिपोर्ट क्लीन आई है। सैंपल जांच में पास हो गया है। गौरतलब है कि विभाग ने नेक्सा DS सिरप के उत्पादन पर रोक लगा दी थी। अब जब सैंपल पास हो गया है तो उत्पादन पर लगी रोक हटा दी गई है।
हिमाचल के साथ-साथ तमिलनाडु में बनी कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर भी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे थे और ये सच भी साबित हुए। तमिलनाडु की कफ सिरप के सैंपल मानकों पर सही नहीं पाए गए हैं। इसके चलते कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के परासिया ब्लॉक में 9 बच्चों की जान चली गई थी। बच्चों को पहले बुखार हो रहा था, फिर जुखाम और फिर किडनी में इंफेक्शन। प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती करवाने के बाद भी बच्चों की हालत बिगड़ती गई और बच्चों की मौत हो गई।
बच्चों की मौतों के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने हिमाचल सरकार और ड्रग कंट्रोलर को पत्र लिखकर तमिलनाडु की कफ सिरप कोल्ड्रिफ और बद्दी में बनी नेक्सा DS सिरप की जांच करने को कहा। जांच की रिपोर्ट आने तक उत्पादन पर रोक लगा दी गई।
नेक्सा DS एक्वीनोवा फार्मा बनाती है। मध्य प्रदेश ड्रग विभाग ने नेक्सा DS सिरप की जांच करवाई जिसमें सिरप को क्लीन चिट दी गई। नेक्सा DS में एथिलीन ग्लाइकॉल और डाइएथिलीन ग्लाइकॉल जैसे हानिकारक रासायनिक तत्वों की मिलावट नहीं पाई गई।
ऐसे में तमिलनाडु में बनी कफ सिरप को ही बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। हिमाचल में भी तमिलनाडु के कफ सिरप पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। सभी दवा विक्रेताओं और अस्पतालों में तत्काल प्रभाव से इस दवा का इस्तेमाल ना करने को कहा गया है।