#विविध
July 25, 2025
9 साल बाद पवित्र स्नान करने पहुंचे हिमाचल के ये देव- हजारों श्रद्धालु बने गवाह
4270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दशोहर झील में देव परंपरा के तहत हुआ वैदिक स्नान
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला की मनाली घाटी में एक बार फिर प्राचीन देव संस्कृति की झलक देखने को मिली। करीब नौ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद कुलंग गांव के अराध्य देवता जमलू देवता और पराशर ऋषि ने पवित्र दशोहर झील में स्नान कर देव परंपरा का निर्वहन किया। यह ऐतिहासिक परंपरा इस बार इसलिए विशेष रही क्योंकि हाल ही में जमलू देवता का नया गुर (देव माध्यम) निकला है, जिसके बाद यह रस्म निभाई गई।
बुधवार को दोनों देवताओं को लेकर मनाली घाटी के नौ गांवों के लोग उत्साहपूर्वक दशोहर झील के लिए रवाना हुए। वीरवार को 4270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस वैदिक स्थल पर पवित्र स्नान की रस्म पूरी हुई। देवताओं के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी दशोहर पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया।
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पवित्र स्नान के बाद गुरुवार शाम दोनों देवता कुलंग गांव स्थित अपने देवालय में लौटे, जहां देवभोज का आयोजन हुआ। स्थानीय पंचायत की प्रधान कौशल्या देवी ने बताया कि यह परंपरा हर वर्ष नहीं होती, बल्कि जब कोई विशेष धार्मिक कारण या देवता की आज्ञा हो, तभी यह आयोजन होता है।
दशोहर झील केवल एक झील नहीं, बल्कि कुल्लू-लाहौल की देव संस्कृति में एक पवित्र स्थल के रूप में पूजित है। यह झील रोहतांग दर्रे के पास 4270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जहां देवता स्नान कर अदृश्य शक्तियों को अर्जित करते हैं। मान्यता है कि यहां स्नान करने से देवत्व की शक्ति और प्रभाव में वृद्धि होती है।
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यह आयोजन कुल्लू की उस जीवित देव संस्कृति की मिसाल है, जहां आज भी हजारों लोग देवताओं की पदयात्रा में शामिल होते हैं और उनकी आज्ञा को सर्वोपरि मानते हैं। श्रद्धालुओं की आस्था, देवताओं की गरिमा और दशोहर की दिव्यता ने इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया।