#विविध
March 23, 2025
हिमाचल: 40 हजार रुपए प्रति मीटर की बन रही एंबुलेंस रोड, कोर्ट बोला- इतना महंगा तो एक्सप्रेसवे भी नहीं
आम जनता के पैसे की फिजूलखर्ची देखकर अदालत भी हैरान
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शिमला। आप एक्सप्रेस वे बना रहे हैं या एंबुलेंस रोड? यह सवाल हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग और मुख्य अभियंता मंडी से तब पूछा, जब वे 3 से 5 मीटर तक चौड़े एक 200 मीटर लंबे एंबुलेंस रोड के लिए नगर परिषद कुल्लू की ओर से 80 लाख रुपए के आवंटन का लेखाजोखा कोर्ट को बता रहे थे।
आपको बता दें कि भारत में 35 मीटर चौड़े 6 लेन के एक्सप्रेसवे की प्रति मीटर निर्माण लागत अमूमन 35000 रुपए आती है। लेकिन नगर परिषद कुल्लू ने 200 मीटर लंबे और 5 मीटर चौड़े एक एंबुलेंस रोड के लिए 80 लाख रुपए का आवंटन किया है। इस तरह एंबुलेंस रोड को बनाने के लिए प्रति मीटर 40 हजार रुपए का आवंटन हुआ है।
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हाईकोर्ट ने इस मामले को सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला बताते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। कोर्ट ने प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग और मुख्य अभियंता मंडी के स्पष्टीकरण से नाखुश होने के पश्चात ये आदेश जारी किए और रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष छह सप्ताह के भीतर दाखिल करने को कहा है। मामले पर आगामी सुनवाई 8 मई के लिए निर्धारित की गई है।
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ के सामने लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव और मुख्य अभियंता मण्डी ने बताया कि एम्बुलेंस रोड के लिए 65 लाख रुपए का इस्तेमाल अब तक किया जा चुका है और 15 लाख रुपए का इस्तेमाल किया जाना बाकी है। कोर्ट को ये भी बताया गया कि 160 मीटर तक एंबुलेंस रोड का निर्माण किया जा चुका है, जिसकी चौड़ाई 3 से 5 मीटर के लगभग है। कोर्ट दोनों अधिकारियों की ओर से दिए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने अगली तारीख तक एम्बुलेंस रोड का कार्य पूर्ण करने के आदेश जारी किए हैं।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि ये जानकर आश्चर्य होता है कि 200 मीटर से भी कम लंबाई के एम्बुलेंस रोड के लिए 80 लाख रुपये की राशि कथित तौर पर स्वीकृत की गई और उसके बाद उसका उपयोग भी किया गया। पहली नज़र में इतने छोटे काम के लिए इतनी बड़ी राशि कैसे स्वीकृत की गई और उसके बाद उसका दुरुपयोग कैसे किया गया, यह बहुत चिंता का विषय है,
कुल्लू जिला के चामुंडा नगर के कुछ वरिष्ठ निवासियों के आग्रह पर न्यायालय ने भूटी चौक से ओम सागर राय के घर तक एम्बुलेंस रोड की अनुपलब्धता का स्वतः संज्ञान लिया था और उपायुक्त को हिमाचल प्रदेश सरकार के सचिव (शहरी विकास) के साथ धन की उपलब्धता के बारे में मामला उठाने का निर्देश दिया था, ताकि एम्बुलेंस रोड का निर्माण जल्द से जल्द शुरू किया जा सके। इसके अलावा यह भी निर्देश दिया गया कि यदि भूमि के संबंध में कोई विवाद होगा, तो उपायुक्त कुल्लू सरकारी भूमि की पहचान करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे, जिसका उपयोग एम्बुलेंस रोड के निर्माण के लिए किया जा सकता है।