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January 13, 2025
हिमाचल: सदा के लिए खामोश हो गया राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित महान शास्त्रीय संगीतकार
महान शास्त्रीय संगीतकार और लोक कलाकार प्रो नंद लाल का निधन
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शिमला। हिमाचल प्रदेश ने आज महान शख्सियत को खो दिया। हिमाचल प्रदेश के सांस्कृतिक और संगीत जगत में एक विशिष्ट स्थान रखने वाले प्रोफेसर नंद लाल गर्ग का आज निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। उनका आज शिमला में निधन हो गया। प्रोफेसर नंद लाल गर्ग का निधन हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। हालांकि उनका योगदान हमेशा जीवित रहेगा, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
प्रोफेसर नंद लाल गर्ग ना सिर्फ एक महान शास्त्रीय संगीतकार और लोक कलाकार थे, बल्कि एक प्रसिद्ध लेखक और सांस्कृतिक संरक्षक भी थे। हिमाचली संगीत, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और उसे संरक्षित करने में उनका योगदान अतुलनीय था।
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उनके निधन से पूरे हिमाचल और सांस्कृतिक समुदाय में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। प्रोफेसर नंद लाल गर्ग शिमला के प्रसिद्ध धामी घराना के वंशज थे, जिसकी परंपराओं का गहरा प्रभाव उनकी संगीत साधना पर पड़ा। उन्होंने हिमाचली लोकगीतों, वाद्य यंत्रों और शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका उद्देश्य इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संजोना था, बल्कि उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना भी था।
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प्रोफेसर गर्ग को 2023 में संगीत नाटक अकादमी द्वारा राष्ट्रपति पुरस्कार (राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू) ने सम्मानित किया था। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उनके जीवनभर के योगदान का प्रतीक है। वह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पहले संगीत अन्वेषकों में से एक थे और उन्होंने यहां कई छात्रों को संगीत की शिक्षा प्रदान की। उनके मार्गदर्शन में अनेक युवा कलाकार अपनी पहचान बनाने में सफल हुए।
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प्रोफेसर गर्ग एक कुशल लेखक भी थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की संगीत परंपराओं, वाद्य यंत्रों और सांस्कृतिक धरोहर पर कई पुस्तकें लिखीं, जिन्हें देशभर में सराहा गया। उनकी कई डॉक्यूमेंटरी में हिमाचली संस्कृति को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। ये डॉक्यूमेंटरी आज भी प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं। प्रोफेसर गर्ग ने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन शिमला के पायनियर कलाकार के रूप में क्षेत्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाई।