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January 13, 2025

हिमाचल: ना चलेगा टीवी, रेडियो.. ना बजेगा मोबाइल.. 42 दिन देव नियमों में बंधे कई गांव

अगले 42 दिन मनोरंजन के तमाम साधनों से दूर रहेंगे लोग

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Manali Dev Rules

कुल्लू। हिमाचल देवताओं की भूमि है। यहां के कण कण में देवताओं का वास है। हिमाचल में आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां पर देवताओं की बात पत्थर की लकीर मानी जाती है और देवताओं के आदेश ही सर्वोपरी होते हैं। पूरा गांव देवताओं के आदेशों को मानता है। आज हम आपको ऐसे ही गांवों के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां के लोग अगले 42 दिन तक कड़े देव नियमों में बंध जाते हैं।

टीवी, रेड़ियो, मोबाइल बजाने पर प्रतिबंध

दरअसल हिमाचल के कुल्लू जिला की पर्यटन नगरी मनाली के कई गांवों में मकर संकांति से यह देव नियम शुरू हो जाते हैं। मनाली की ऊझी घाटी के नौ गांवों में अगले 42 दिन तक ना तो टीवी, रेडियो बजता है और ना ही डीजे का शोर शराबा सुनाई देगा। गांव में कोई भी सीटी तक भी नहीं बजा सकेगा। मोबाइल पर भी जोर जोर से नाटी या गाने सुनने की मनाही होती है। इन गांवों के लोग अगले 42 दिन तक मनोरंजन के साधनों से पूरी तरह से दूरी बना लेते हैं। इस दौरान ना तो मंदिरों में पूजा होती है और ना ही घंटी बजाई जाती है।

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खेती बाड़ी पर भी रोक

मकर संक्रांति पर देवता कंचन नाग, गौतम ऋषि और ब्यास मंदिर के कपाट विधिवत पूजा के बाद बंद हो जाएंगे। वहीं सिमसा में देवता कार्तिक स्वामी के मंदिर का कपाट भी संक्रांति पर बंद हो जाएगा। इसी के साथ घाटी के 9 गांव में खेतीबाड़ी पर भी रोक लग गई है। किसान खेत-खलिहान में भी नहीं जा पाएंगे। पशुपालक गौशाला से गोबर भी नहीं निकाल सकेंगे। 

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इन गांवों में लागू होते हैं देव नियम

ऊझी घाटी के गोशाल, कोठी, कुलंग, शनाग, रुआड़, सोलंग, पलचान, बुरुआ और मझाच गांवों में देवताओं के यह आदेश लागू रहेंगे। बड़ी बात यह है कि लोग इन देव नियमों का खुशी खुशी से पालन भी करते हैं। अब इन गांवों में चारों ओर शांति छा जाएगी। जब देवता स्वर्ग प्रवास से वापस गांव लौटेंगे तो गांव में जश्न का माहौल होगा।

 

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क्या है मान्यता

मान्यता है कि ऊझी घाटी के देवता मकर सक्रांति से तपस्या में लीन हो जाते हैं और स्वर्ग प्रवास पर जाते हैं। इस दौरान गांव में किसी भी तरह के मनोरंजनए शोर.शराबे की इजाजत नहीं होती। मंदिर परिसर में शांति बनाए रखनी पड़ती है। स्थानीय लोग भी खुशी.खुशी इन आदेशों का पालन करते हैं। बाहर से आने वाले लोगों को भी गांव में ऊंची आवाज में बात करने व चिल्लाने की इजाजत नहीं होती।

42 दिन बाद देवता करेंगे भविष्यवाणी

गांव के लोगों के अनुसार घाटी के लोग 14 देव प्रतिबंध में बंध गए हैं। ग्रामीण 42 दिन तक देव आज्ञा का पालन करेंगे। स्वर्ग प्रवास से लौटने पर देवताओं का स्वागत होगा। आराध्य देवों के सम्मान में उत्सव का आयोजन होगा। देवता स्वर्ग प्रवास से लौटते ही भविष्य में होने वाली सालभर की घटनाओं के बारे में भी भविष्यवाणी करेंगे।

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