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April 6, 2025
हिमाचल की सड़कों पर अब बिना डस्टबिन के नहीं चलेंगे वाहन, लगेगा भारी जुर्माना
हर तरह की बस टैक्सी, ट्रक टैंपो ट्रैवलर में डस्टबिन अनिवार्य
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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश के पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने अब सभी वाहनों में डस्टबिन रखना अनिवार्य कर दिया है। विभाग ने इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है। वाहन मालिकों को अपने वाहनों में डस्टबिन लगाने के लिए 5 मई तक का समय दिया गया है। नियम का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।
विभाग की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार प्रदेश में अब एचआरटीसी बसों, निजी बसों, वॉल्वो, टैक्सी, ट्रक और टैंपू ट्रैवलर में डस्टबिन रखने होंगे। इन वाहनों में सफर करने वाले लोग अब वाहन में रखे डस्टबिन में ही कूड़ा और प्लास्टिक का सामान डालेंगे। इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर विभाग 10 हजार रुपए तक जुर्माना लगाएगा। इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति वाहन से खुले में कूड़ा या प्लास्टिक की पैकिंग को फेंकते हुए पाया जाता है तो उसे 1500 रुपए जुर्माना भरना होगा।
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प्रदेश की सुक्खू सरकार और विभाग का कहना है कि हिमाचल एक पर्यटक राज्य है। यहां हर साल लाखों करोड़ों सैलानी घूमने के लिए आते हैं। ऐसे में हिमाचल को स्वच्छ और पर्यावरण संरक्षण को कायम रखना अनिवार्य है। जिसके चलते ही अब विभाग ने सभी वाहनों में डस्टबिन लगाने का फैसला लिया है। ताकि सड़कों सहित पर्यटक स्थलों पर कचरा ना फैले।
विभाग का कहना है कि पहाड़ी राज्य हिमाचल में अधिकतर लोग बसों में सफर करते हैं। यहां तक कि कई सैलानी भी बसों से हिमाचल पहुंचते हैं। लोग और पर्यटक वाहनों में खाने पीने का सामान रखते हैं और खाने पीने के बाद कचरे को बाहर सड़कों पर फेंक देते हैं। इतना ही नहीं पहाड़ों पर भी कचरा फैल जाता है। जिससे ना सिर्फ पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि प्रदेश की प्राकृतिक खूबसूरती को भी इससे दागदार होती है।
प्रदेश को स्वच्छ रखने और पर्यावरण संरक्षण के लिए ही प्रदेश की सुक्खू सरकार ने अब सभी टैक्सियों और सार्वजनिक तथा निजी परिवहन में डस्टबिन लगाना अनिवार्य कर दिया है। वाहन चालकों की यह जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है कि उनके वाहन में सफर करने वाले लोग डस्टबिन में ही कचरा डालें। वहीं वाहन मालिक इस डस्टबिन को सार्वजनिक डस्टबिन में फेंके।
विभाग के इस फैसले को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी आरटीओ, बस अड्डा प्रभारी तथा पार्किंग के मालिक पर होगी। यह लोग अपने अपने क्षेत्रों में सुनिश्चित करेंगे कि वाहनों में डस्टबिन लगे हों। आरटीओ और एमवीआई भी किसी वाहन को पास करते समय इस बात का ध्यान रखेंगे कि वाहन में डस्टबिन लगा हो। आरटीओ और एमवीआई को आदेशों की अवहेलना करने वालों से जुर्माना वसूल करने का अधिकार दिया गया है।
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सड़कों पर कूड़ा फेंकने से यह कचरा नालियों को जाम करता है। नालियों से यह कुड़ा कचरा सीवरेज की पाइकों में फंस जाता है और नालियों को ब्लॉक कर देता है। जिससे सीवरेज और नालियों का पानी सड़कों तक पहुंच जाता है। वहीं आवारा घूमने वाले मवेशी भी इस कचरे को खा लेते हैं और उनकी कई बार मौत तक हो जाती है।