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October 4, 2025
हिमाचल: चेक पर गलत स्पेलिंग मामले में शिक्षक पर गिरी गाज, किया सस्पेंड; अब प्रिंसिपल की बारी !
स्पेलिंग मिस्टेक से शिक्षा विभाग की हुई थी किरकिरी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के रोनहाट स्कूल से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया, जिसने पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा विभाग की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक चेक पर की गई शर्मनाक अंग्रेजी स्पेलिंग की गलतियों ने स्कूल प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया। सोशल मीडिया पर यह चेक वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और जिम्मेदार माने जा रहे स्कूल के ड्राइंग मास्टर अत्तर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, प्रिंसिपल के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
मामला 25 सितंबर का है, जब स्कूल प्रबंधन की ओर से मिड-डे मील इंचार्ज अत्तर सिंह के नाम 7,616 रुपये का चेक जारी किया गया। चेक में रकम अंकों में सही लिखी गई, लेकिन शब्दों में इतनी गलतियां थीं कि बैंक ने इसे 'अनरीडेबल' करार देते हुए तुरंत बाउंस कर दिया। सही तौर पर Seven Thousand Six Hundred and Sixteen लिखा जाना चाहिए था, लेकिन चेक में यह लिखा गया – “Saven Thursday Six Harendra Sixty”। यहां Seven से लेकर Hundred तक सभी स्पेलिंग गलत थे और Sixteen की जगह Sixty लिखा गया था।
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बैंक से चेक बाउंस होने के बाद जब यह चेक सोशल मीडिया पर पहुंचा तो तेजी से वायरल हो गया। यूजर्स ने इस गलती को प्रदेश की “100% साक्षरता” के दावों पर सवाल खड़े करने वाला करार दिया। कई लोगों ने टिप्पणी की कि अगर शिक्षक और प्रिंसिपल स्तर पर ऐसी लापरवाही हो रही है, तो बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।
मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने पहले स्तर पर डिप्टी डायरेक्टर सिरमौर से रिपोर्ट तलब की। इसके बाद शिक्षा निदेशालय शिमला ने ड्राइंग मास्टर अत्तर सिंह और स्कूल प्रिंसिपल कुलदीप सिंह दोनों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया। अत्तर सिंह ने स्वीकार किया कि लापरवाही उसकी ही थी और उसने सावधानी नहीं बरती। इसके बाद डायरेक्टर आशीष कोहली ने तुरंत अत्तर सिंह को निलंबित करने और प्रिंसिपल के खिलाफ भी उचित कार्रवाई पर विचार करने के निर्देश दिए।
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स्कूल के प्रिंसिपल कुलदीप सिंह का कहना है कि, “चेक मिड-डे मील इंचार्ज ने भरा था। व्यस्तता के चलते मैंने केवल अंकों में लिखी राशि देखी और हस्ताक्षर कर दिए, स्पेलिंग की ओर ध्यान नहीं गया। बैंक ने तुरंत चेक लौटा दिया और बाद में नया चेक जारी कर दिया गया।”
हालांकि, इस पूरे प्रकरण ने शिक्षा विभाग और स्कूल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर तो हिमाचल अपनी साक्षरता दर और शिक्षा व्यवस्था पर गर्व करता है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की लापरवाही विभाग की छवि को धूमिल कर रही है।