#विविध
July 14, 2025
हिमाचल आपदा : दो हफ्ते बाद खुले मलबे से घिरी घाटी के स्कूल, 9 अभी भी बंद
आपदा में लापता तीन छात्र अब भी नहीं मिले
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मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में इस बार मानसून ने भारी तबाही मचाई है। बादल फटने, फ्लैश फ्लड और मूसलाधार बारिश ने जहां लोगों की जान ली, वहीं कई घर और सार्वजनिक संरचनाएं भी मलबे में समा गईं। खासकर सराज विधानसभा क्षेत्र में 30 जून को आई आपदा ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया था। इसके चलते घाटी के सभी स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार, आज 14 दिनों के लंबे अंतराल के बाद, 14 जुलाई से क्षेत्र के अधिकतर स्कूलों को दोबारा खोल दिया गया है। हालांकि, सराज घाटी के 9 स्कूल अब भी बंद हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में आपदा का प्रभाव सबसे ज्यादा रहा। इन स्कूलों में खबलेच, बखलवार, बन्याड़, निहरी सुनाह, भलवार, रूहाड़ा, भुलाह, लामसाफड और नरैणधार शामिल हैं।
शिक्षा खंड बगस्याड के प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी इंद्र सिंह भारद्वाज ने जानकारी दी कि इस आपदा में सराज क्षेत्र के तीन स्कूली छात्र भी लापता हो गए हैं। ये सभी छात्र लामसाफड गांव के निवासी थे और अपने परिवारों के साथ मलबे में बह गए। प्रशासन और राहत टीमें लगातार खोजबीन कर रही हैं, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है।
स्कूलों के पुनः खुलने के पहले दिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बगस्याड स्कूल का दौरा किया। उन्होंने बच्चों से बातचीत की, उनका हौसला बढ़ाया और कहा कि अब समय है कि पूरे क्षेत्र के लोग इस चुनौती से उबरकर फिर से सामान्य जीवन की ओर लौटें।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सभी व्यवस्थाएं जल्द ही बहाल की जाएंगी। स्कूल खुलने से बच्चों में जहां खुशी देखी गई, वहीं आपदा के असर से वे चिंतित भी दिखे। छात्रा कृतिका और छात्र शशांक ठाकुर ने बताया कि स्कूल दोबारा खुलने से पढ़ाई का सिलसिला शुरू हो गया है, लेकिन स्कूलों की टूटी दीवारें, क्षतिग्रस्त कक्षाएं और खराब सुविधाएं देख दुख भी होता है।
सराज घाटी में प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक करीब 100 स्कूल हैं। प्रशासन ने इनमें से 91 को फिर से खोल दिया है और शेष 9 को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए कार्य जारी है।