#विविध
September 15, 2025
हिमाचल के देव स्थलों को लोगों ने बनाया पिकनिक स्पॉट, कमेटी का फैसला- मंदिर तक नहीं बनेगी सड़क
पवित्र स्थलों को पिकनिक-स्पॉट बनाने पर फूटा देव समाज का गुस्सा
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मंडी। हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने भयंकर तबाही मचाई है। प्रदेश के हर जिले में बारिश के कारण बहुत नुकसान हुआ है। इसी के चलते छोटी काशी मंडी में देव समाज ने प्राकृतिक आपदाओं और उनके पीछे छिपे कारणों को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है।
आपको बता दें कि शनिवार को मंडी के देव सदन में हुई सर्व देवता सेवा समिति की विशेष बैठक में देव स्थलों की बिगड़ती मर्यादा और बढ़ते पर्यटन दबाव पर गहन मंथन हुआ। समिति के सदस्यों ने कहा कि आजकल कई पवित्र देव स्थलों पर शराब की बोतलें और नशीले पदार्थ खुलेआम मिल रहे हैं।
इससे न केवल धार्मिक आस्था को ठेस पहुंच रही है, बल्कि प्रकृति के कोप का कारण भी यही बन रहा है। बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर प्रशासन से आग्रह किया गया कि देव स्थलों पर शराब और नशे का सेवन पूरी तरह बंद कराया जाए।
सर्व देवता सेवा समिति के अध्यक्ष शिव पाल शर्मा ने बैठक में कहा कि अब देव स्थलों तक आसानी से सड़कें पहुंच रही हैं, जिसके कारण ये स्थान पिकनिक स्पॉट बनते जा रहे हैं। पर्यटक यहां मनोरंजन और मौज-मस्ती के लिए आते हैं और पवित्र स्थल की गरिमा भंग कर देते हैं।
इसी को रोकने के लिए समिति ने प्रस्ताव रखा कि-
शिवपाल शर्मा ने कहा कि लोग देव स्थलों की मर्यादा भूलते जा रहे हैं-जिससे देवी-देवता नाराज हो रहे हैं। जो कि प्राकृतिक आपदाओं का एक कारण हो सकता है। उन्होंने देवी-देवताओं के कारदारों और समितियों को निर्देश दिए कि परंपरा और नियमों का कड़ाई से पालन करें। यदि कोई सदस्य देव परंपरा का उल्लंघन करता है, तो उसे तुरंत समिति से बाहर किया जाए।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि शिकारी जोगनी, स्नोर की तुंगेश्वरी, चौहार की देवी फूंगणी और फूटा खल की नौनी जोगनी जैसे कई देव स्थलों पर आम लोगों का जाना वर्जित है। इन स्थानों पर केवल देव कार्य के लिए ही जाया जाना चाहिए। मगर सड़कें बनने के बाद लोग इन्हें पिकनिक मनाने के लिए उपयोग कर रहे हैं, जो आस्था और परंपरा के विपरीत है।
देव समाज ने यह भी रेखांकित किया कि इस बार मंडी जिला में ही प्रदेश का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। सराज क्षेत्र में एक ही रात में 13 जगह बादल फटे। नाचन, करसोग, बल्ह, धर्मपुर, मंडी सदर और जोगिंद्रनगर जैसे इलाकों में भारी तबाही हुई। देव समाज का मानना है कि जब लोग देव आस्था और प्रकृति की मर्यादा तोड़ते हैं, तो इसके दुष्परिणाम आपदाओं के रूप में सामने आते हैं।
अंत में समिति ने जनता से अपील की कि देव स्थलों पर जाते समय उनकी पवित्रता और परंपरा का सम्मान करें। शराब और नशे से दूर रहें और प्राकृतिक स्थलों को पिकनिक स्पॉट न बनाएं। देव समाज का विश्वास है कि अगर लोग अपनी संस्कृति और आस्था का पालन करेंगे तो कुदरत भी प्रसन्न होगी और आपदाओं का प्रकोप कम होगा।