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December 9, 2025

हिमाचल: कांग्रेस MLA पर भ्रष्टाचार का आरोप? सरकार ने भी दिखाई पीठ- क्या है मामला, जानें

विधायक की उम्मीदों पर पानी फेरा

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Sanjay Awasthi Case

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक पुराना मामला फिर से सुर्खियों में है। मामला जुड़ा है अर्की से कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी से, जिनकी मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती नजर आ रही हैं। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में 'ताजा स्टेटस रिपोर्ट' पेश करने का आदेश दिया है। लेकिन सबसे दिलचस्प मोड़ सरकार का वह रुख है, जिसने विधायक की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

सरकार ने पीछे खींचे हाथ

बता दें कि 2001 में कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी पर हरियाणा के एक खिलाड़ी को हिमाचली प्रमाणपत्र देने का आरोप लगा है। जिसके बाद मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस पूरे मामले में सबसे बड़ा ट्विस्ट तब आया जब केस वापस लेने की बात उठी। 26 जुलाई 2024 को सुनवाई के दौरान संजय अवस्थी ने हाई कोर्ट में दावा किया था कि राज्य सरकार उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।

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सरकार ने भी एक समय पर हाई कोर्ट की खंडपीठ के सामने अर्जी लगाकर मुकदमा वापस लेने की इजाजत मांगी थी। लेकिन फिर अचानक कहानी बदल गई। सरकार ने अपनी वह अर्जी वापस ले ली। अब सरकार ने हाई कोर्ट में साफ कर दिया है कि विधायक के खिलाफ दर्ज इस आपराधिक मामले को वापस लेने का उनका कोई इरादा नहीं है।

क्या है पूरा मामला? 

यह विवाद आज का नहीं, बल्कि तब का है जब संजय अवस्थी सोलन नगर परिषद के पार्षद हुआ करते थे। उन पर आरोप है कि 14 मई 2001 को उन्होंने हरियाणा के निवासी क्रिकेटर विक्रमजीत सिंह मलिक को 'हिमाचली' होने का झूठा प्रमाणपत्र जारी किया।

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इसी प्रमाणपत्र के आधार पर उस खिलाड़ी ने हिमाचल का स्थायी निवासी होने का दस्तावेज बनवाया और हिमाचल की टीम से खेलने का रास्ता साफ किया, जबकि वह इसके योग्य नहीं था।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी

21 अप्रैल 2022 को सोलन के विशेष न्यायाधीश ने इस मामले में अवस्थी के खिलाफ आरोप तय किए थे। कोर्ट ने पाया कि प्रथम दृष्टया उन पर जालसाजी (धारा 467, 468) और साजिश (120बी) का मामला बनता है। चूंकि उस वक्त अवस्थी एक पार्षद थे, इसलिए उन पर 'भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम' की धाराएं भी लगाई गई हैं।

संजय अवस्थी ने इन्हीं आरोपों को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति विरेंदर सिंह कर रहे हैं। फिलहाल, सरकार के 'यू-टर्न' के बाद सबकी निगाहें अगली स्टेटस रिपोर्ट पर टिकी हैं।

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