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April 16, 2025
हिमाचल: टूरिस्ट सीजन से पहले अकेले कुल्लू में मिले 6 जर्जर पुल, अब सबकी होगी जांच
मंगलौर पुल गिरने के बाद NHAI और PWD की नींद उड़ी
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के बंजार उपमंडल में मंगलौर के पुल का हादसा आपको याद ही होगा। अस्सी के दशक में बना यह पुल बीते दिनों गिर गया था। अब पता चला है कि अकेले कुल्लू में लारजी से लेकर बंजार तक 6 और पुल ऐसे हैं, जो जर्जर हालत में होने के कारण कभी भी गिर सकते हैं।
यह पता लगने के बाद अब NHAI और हिमाचल प्रदेश के PWD विभाग की नींद उड़ गई है। अब हिमाचल सरकार ने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि राज्य के विभिन्न राजमार्गों पर ऐसे कितने पुल जर्जर स्थिति में हैं।
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हिमाचल में टूरिस्ट सीजन शुरू हो चुका है। रोज इन पुलों से टूरिस्टों की गाड़ियां, बसें और लोडर वाहन गुजर रहे हैं। ऐसे में जर्जर हालत में ये पुल किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
मंगलौर में एनएच 305 पर अस्सी के दशक में पुल बना था। इस पुल के गिरने के बाद NHAI और PWD ने औट से बंजार तक पुलों की जांच शुरू की है। कुल्लू प्रशासन ने NHAI से इन पुलों की मजबूती के साथ उनकी भार वहन क्षमता के आंकलन को भी कहा है। इसी आधार पर पुलों के पास चेतावनी वाले बोर्ड लगाए जाएंगे। मंगलौर के पुल की भार वहन क्षमता 18 टन की थी, जबकि उस पर गुजरे ट्रक का भार ही 55 टन का था।
कुल्लू में इसी राष्ट्रीय राजमार्ग-305 पर लारजी से लेकर बंजार तक 6 पुल मंगलौर जैसी हालत में हैं। बंजार घाटी के प्रवेश द्वार लारजी में भी दशकों पुराने पुल हैं, जिनकी ऑडिट लंबे समय से नहीं हुई है।
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इस पुल से हर रोज डंपर, टिपर और हाईवा जैसी वजनी गाड़ियां गुजरती हैं। चलोगी ब्रिज, काली मंदिर के छोटे पुल, फागू पुल भी सालों पुराने हो चुके हैं। इसी रास्ते पर चिहुंटा पुल भी जर्जर हो चुका है। एनएच 305 से बंजार बाईपास को जोड़ने वाले दमोठी वैली ब्रिज की हालत भी खराब है।
बीते दिनों लोक निर्माण विभाग ने हिमाचल प्रदेश में 60 साल पुराने पुलों को ऑडिट किया था। इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है। रिपोर्ट में खस्ताहाल पुलों की जगह नए पुलों के निर्माण की सिफारिश की गई है। हिमाचल में 300 से ज्यादा पुलों ने हर रोज हजारों गाड़ियां गुजरती हैं। अब सरकार ने ब्लॉक लेवल पर पुलों की हालत का डेटा मांगा है।