#विविध
September 20, 2025
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : अब दूसरी पत्नी भी बनेगी पारिवारिक पेंशन की हकदार
विभाग को अदालत ने दिया निर्देश
शेयर करें:

शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पारिवारिक पेंशन को लेकर एक अहम फैसला सुनाते हुए दूसरी पत्नी को राहत प्रदान की है। अदालत ने कहा कि यदि पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी है और परिवार में कोई अन्य दावेदार मौजूद नहीं है, तो दूसरी पत्नी पेंशन की हकदार होगी।
जानकारी के अनुसार, मामला महेश राम नामक व्यक्ति से जुड़ा है, जिसकी नियुक्ति 1973 में बढ़ई के पद पर हुई थी। उन्होंने 1994 में कमलेश देवी से विवाह किया, लेकिन इस दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी। परिवार के आग्रह पर महेश राम ने पहली पत्नी के रहते ही उसकी छोटी बहन ज्वाला देवी से विवाह कर लिया।
इसके बाद 2003 में महेश राम सेवानिवृत्त हुए। साल 2020 में पहली पत्नी कमलेश देवी का निधन हो गया। इसके बाद महेश राम ने अपने सेवा रिकॉर्ड में पेंशन नामांकन बदलने का आवेदन किया और ज्वाला देवी का नाम दर्ज करने की मांग की।
विभाग ने इस आधार पर आवेदन ठुकरा दिया कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 5 के अनुसार पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी अवैध मानी जाती है, इसलिए दूसरी पत्नी पारिवारिक पेंशन की हकदार नहीं हो सकती। महेश राम ने विभाग के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने की। अदालत ने कहा कि यह सही है कि दूसरी शादी कानूनन वैध नहीं मानी जाती, लेकिन इस मामले की परिस्थितियां विशेष हैं। पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी है, उनकी कोई संतान नहीं है और दूसरी पत्नी से हुए बच्चे अब वयस्क हैं तथा उन्होंने भी पेंशन पर कोई दावा नहीं किया है।
अदालत ने माना कि इन परिस्थितियों में विभाग का आदेश उचित नहीं है। हाईकोर्ट ने विभाग को निर्देश दिया कि मृतक कर्मचारी की पेंशन रिकॉर्ड में पहली पत्नी के स्थान पर ज्वाला देवी का नाम दर्ज किया जाए और यह प्रक्रिया दो माह के भीतर पूरी की जाए। बहरहाल, यह फैसला भविष्य में ऐसे मामलों के लिए एक महत्वपूर्ण नजीर साबित हो सकता है।