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June 17, 2025
हिमाचल में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी : चिंता में किसान-बागवान, यहां जानें कब साफ होगा मौसम
नदी-नालों का जलस्तर बढ़ा, रास्तों पर भर गया है कीचड़
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून से पहले ही प्री-मानसून बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत जरूर दी है, लेकिन इसके साथ कई परेशानियां भी लेकर आई है। राज्य के कई भागों में मंगलवार सुबह से ही तेज बारिश हो रही है, जिससे खेत-खलिहान जलमग्न हो गए हैं और आम जनजीवन प्रभावित हुआ है।
हमीरपुर जिले के बड़सर क्षेत्र में जोरदार बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया है, जिससे खासकर मक्की की फसल को नुकसान हुआ है। किसान चिंतित हैं कि यदि बारिश का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो फसलें सड़ सकती हैं।
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इसी तरह कुल्लू जिले की तीर्थन घाटी में सोमवार रात हुई भारी बारिश के बाद तीर्थन खड्ड में जल स्तर तेजी से बढ़ा है। नदी-नालों के किनारे बसे गांवों के लोग सतर्क हो गए हैं। प्रशासन ने भी लोगों को खड्डों और नालों के पास न जाने की चेतावनी दी है।
उधर, राजधानी शिमला में सुबह 7:30 बजे से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने स्कूली बच्चों और ऑफिस जाने वालों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कई सड़कों और रास्तों पर कीचड़ भर गया है, जिससे आवागमन बाधित हो रहा है। वहीं, चंबा जिला के भरमौर में भी बारिश का दौर लगातार जारी है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में तेज बारिश के साथ आंधी-तूफान की संभावना जताई गई है। 21 और 22 जून को निचले और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
हालांकि, अभी तक मानसून के औपचारिक प्रवेश के कोई संकेत नहीं मिले हैं। मौसम वैज्ञानिक शोभित कटियार के अनुसार, हिमाचल में मानसून की सामान्य तिथि 25 जून है। फिलहाल अगले 5-6 दिनों तक प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना है और इस दौरान प्री-मानसून बारिश होती रहेगी। लिहाजा, लोगों को सलाह दी गई है कि मौसम की चेतावनियों को गंभीरता से लें और अनावश्यक रूप से जोखिम वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।