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November 6, 2025

हिमाचल : घर छुट्टियां बिताने आया था फौजी, थमी सांसें- डेढ़ साल की मासूम से छिन गया पिता

रविवार को वापस ज्वाइन करनी थी ड्यूटी- यूनिट को मिली निधन की खबर

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CRPF SOLDIER FINAL RITES

बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश ने एक ही हफ्ते में अपने दो वीर जवानों को खो दिया है। दोनों जवान छुट्टी बिताने घर आए थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। बीती 4 नवंबर को जहां मंडी जिले के रहने वाले कर्नल तेजेंद्र सिंह पंचतत्व में विलीन हुए। वहीं, आज बिलासपुर जिले के 45 वर्षीय CRPF जवान मुख्तयार सिंह को उनके परिवार ने अंतिम विदाई दी।

घर छुट्टियां बिताने आया था फौजी

बताया जा रहा है कि मुख्तयाक सिंह 15 दिन की छुट्टी पर घर आए हुए थे। उन्होंने 9 नवंबर को वापस ड्यूटी पर लौटना था। मगर एक झटके में सब खत्म हो गया। मुख्तयार के अचानक हुए निधन ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है।

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रविवार को ज्वाइन करनी थी ड्यूटी

मुख्तयार सिंह सदर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत हवाण के घरलेहड़ा गांव के रहने वाले थे। वर्तमान में मुख्तयार जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात थे। मुख्तयार बीती 26 अक्टूबर को छुट्टी लेकर घर आए थे और अब उन्होंने रविवार को वापस ड्यूटी ज्वाइन करनी थी। परिजनों ने फोन पर मुख्तयार की यूनिट को उनके निधन का समाचार दिया।

अचानक हुआ पेट दर्द

परिजनों ने बताया कि मुख्तयार के घर आने से घर पर रौनक लगी हुई थी। कई रिश्तेदार और आस-पड़ोस के लोग मुख्तयार के छुट्टी आने पर उनसे हमेशा मिलने आते थे। बीते कल उन्हें अचानक पेट दर्द हुआ और वो बेसुध हो गए।

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हालत देख घबराए परिजन

परिजन मुख्तयार की हालत को देखकर परेशान हो गए। परिजनों ने आनन-फानन में मुख्तयार को उपचार के लिए घुमारवीं के एक निजी अस्पताल में पहुंचाया। जहां पर उनकी हालत और बिगड़ने लगी- ऐसे में वहां मौजूद डॉक्टरों ने उन्हें उपचार के लिए टांडा रेफर कर दिया।

अस्पातल में तोड़ा दम

टांडा में डॉक्टरों ने मुख्तयार को भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया। मगर डॉक्टरों की कड़ी कोशिशों के बावजूद मुख्तयार की जान नहीं बच पाई और उन्होंने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मुख्तयार के निधन के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

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बूढ़ी मां ने खोया सहारा, पत्नी बेसुध

मुख्तयार के घर में उनकी बूढ़ी मां, पत्नी और डेढ़ साल की मासूम बेटी है। बेटे के निधन के बाद बूढ़ी मां का सहारा छिन गया है। मां का रो-रो कर बुरा हाल है। वहीं, पत्नी बार-बार बेसुध हो रही है। जबकि, मासूम बच्ची को एहसास भी नहीं है कि उसके सिर से पिता का साया छिन गया है। मासूम बच्ची एक टक लगाए मां और दादी को रोता-बिलखता देख रही है।

राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार

मुख्तयार की मां ज्ञानो देवी सेवानिवृत्त शिक्षिका और उनकी पत्नी शिक्षा विभाग में मुख्य शिक्षिका हैं। मुख्तयार के अचानक हुए निधन के बाद परिवार और पूरा गांव गहरे सदमे में है। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। आज मुख्तयार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनके साथी जवानों ने सलामी देकर उन्हें विदा किया।

 

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