#विविध
April 7, 2025
हिमाचल : खर्च घटाने के लिए अफसरों को सिर्फ एक ही गाड़ी की अनुमति देगी सुक्खू सरकार
CM सुक्खू के काफिले में भी घटेंगी गाड़ियां
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शिमला। कर्ज में डूबी सुक्खू सरकार अब खर्च बचाने के लिए राज्य के तकरीबन सभी विभागों के बजट में कटौती करने जा रही है। इसकी शुरुआत विभागीय अफसरों की गाड़ियों से की जाएगी। जो अफसर दो या तीन विभागों का काम देख रहे हैं, उन्हें एक ही विभाग की गाड़ी लेने की अनुमति होगी। सरकार बाकी गाड़ियां उनसे वापस लेगी।
2024 के आंकड़ों के अनुसार, बड़ी संख्या में अफसरों के पास एक से ज्यादा विभागों का काम है। ऐसी स्थिति में उनके अपने काफिले में उन सभी विभागों की गाड़ियां होती हैं, जिनका काम वे संभाल रहे हैं। पिछले साल ही विधानसभा में एक लिखित जवाब में CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतया था कि वन विभाग में 19 ब्लॉक ऑफिसरों को रेंज ऑफिसर का चार्ज दिया गया है, जिसमें से 2 को दो रेंजों का और 17 को एक-एक रेंज का प्रभार सौंपा गया है। इस तरह अकेले वन विभाग में ही 19 अफसरों पर दोहरी जिम्मेदारी है।
अब सुक्खू सरकार खर्च घटाने के लिए अफसरों के काफिले में एक ही गाड़ी रखने की अनुमति देगी, जिससे ईंधन और रखरखाव का खर्च कम हो। राज्य सचिवालय में शनिवार को सुक्खू कैबिनेट की बैठक में रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी की एक रिपोर्ट भी पेश की गई थी, जिसमें सरकार को खर्च में कमी करने के कई सुझाव दिए गए थे। माना जा रहा है कि CM सुक्खू ने उन सभी सुझावों को गंभीरता से लिया है और अब उन पर अमल करने की तैयारी कर रही है।
कार्मिक विभाग ने सीएम सुक्खू के काफिले में गाड़ियों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी है। ठीक इसी प्रकार विभिन्न विभागों में अफसरों के पास उपलबध गाड़ियों की भी सूची मांगी गई है। सारी डिटेल्स मिल जाने के बाद सरकार गाड़ियों के काफिले में कटौती करेगी।
हिमाचल प्रदेश में IAS अधिकारियों के स्वीकृत पदों की संख्या 153 है, जिसमें से 107 पद सीधी भर्ती (डायरेक्ट रिक्रूटमेंट) के माध्यम से और 46 पद प्रोमोशन के जरिए भरे जाते हैं। जनवरी 2025 में CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की थी कि राज्य की 70 लाख आबादी के लिए 153 IAS अधिकारियों की जरूरत नहीं है। सुक्खू सरकार ने केंद्र से नए कैडर में IAS न भेजने का अनुरोध किया था।
ऐसे में सुक्खू सरकार IAS अफसरों की संख्या को कम कर सकती है। हिमाचल प्रदेश में HPAS कैडर में लगभग 100 से 150 पद होते हैं, जिसमें सीधी भर्ती और प्रोमोशन दोनों शामिल हैं। राज्य सरकार ने इस संख्या को भी कम करने का फैसला किया है। दोनों ही स्तर के आला अफसरों की संख्या में कटौती करने पर कार्मिक विभाग के बजट में बड़ी कमी के आसार है।