#विविध
September 18, 2025
हिमाचल-उत्तराखंड में कुदरत का कहर: अब चमोली में फटा बादल, 32 घर तबाह- 12 लोग लापता
बादल फटने से आए सैलाब ने तीन गांवों को चपेट में लिया
शेयर करें:
देहरादून/शिमला। उत्तर भारत इन दिनों भीषण प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में है। एक ओर जहां हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को अस्त.व्यस्त कर दिया है, वहीं उत्तराखंड का चमोली जिला भी बीती रात एक भीषण प्राकृतिक त्रासदी का गवाह बना। नंदानगर घाटी में बादल फटने से भारी तबाही हुई है, जिससे तीन गांवों के कई घर मलबे में समा गए और एक दर्जन से अधिक लोग लापता हो गए हैं।
बीती रात चमोली जिले के नंदानगर तहसील अंतर्गत कुन्तरी लगाफाली, सरपाणी और धुर्मा गांवों में बादल फटने से जनजीवन पर कहर टूट पड़ा। तेज बारिश के कारण आए मलबे और फ्लैश फ्लड से इन गांवों में कई घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 12 लोग लापता हैं, जिनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है। इसके अलावा तीन लोग घायल हुए हैं, जिनका उपचार स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। नुकसान केवल मानव जीवन तक ही सीमित नहीं है। इन गांवों में दर्जनों मवेशी बह गए और खेत.खलिहानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार करीब 32 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
प्रशासन की तत्परता के चलते राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया। मौके पर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ;एसडीआरएफद्धए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ;एनडीआरएफद्धए पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें पहुंच चुकी हैं। अब तक 200 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहींए लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
उत्तराखंड में भी पहली बार बादल फटने की घटना नहीं हुई है। इससे पहले भी कई जगह पर बादल फट चुके हैं और भारी जान माल का नुकसान हुआ है। अभी हाल ही में 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटा था। देहरादून से मसूरी का 35 किलोमीटर का रास्ता कई जगह हो गया था। जिसके चलते मसूरी में 2500 से अधिक पर्यटक पिछले तीन दिनों से वहीं पर फंसे हुए हैं।
उत्तराखंड की तरह हिमाचल प्रदेश भी इन दिनों प्रकृति के रौद्र रूप से जूझ रहा है। बीते कुछ हफ्तों से राज्य में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। शिमला, मंडी, कुल्लू और चंबा जिलों में भारी भूस्खलन की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। कई सड़कों पर यातायात पूरी तरह ठप है और ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क जिला मुख्यालयों से टूट गया है। हिमाचल में अब तक करीब 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है] जबकि सैकड़ों घरों को नुकसान पहुंचा है। खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं और नदी-नालों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है।
यह भी पढ़ें : आपदा के बाद पहली बार मनाली में सांसद कंगना, प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लेंगी नुकसान का जायजा
16 सितंबर को आई भारी बारिश ने उत्तराखंड के मसूरी-देहरादून हाईवे को भी प्रभावित किया है। पहाड़ से गिरते पत्थरों और मलबे के कारण सड़क पर यातायात पूरी तरह बंद हो गया था। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों से आवाजाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
यह भी पढ़ें : फंस गई मंडी की सांसद कंगना: कोर्ट में होना होगा पेश, विवादित टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
उत्तराखंड और हिमाचल—दोनों राज्यों की सरकारों ने हालात को देखते हुए केंद्र सरकार से आपदा राहत सहायता की मांग की है। एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें प्रभावित इलाकों में भेजी जा रही हैं। साथ ही हेलीकॉप्टरों की मदद से दूरस्थ क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।