#विविध
July 6, 2025
हिमाचल में दो जगह फटा बादल- नहीं थम रहा तबाही का दौर, कई घर-जमीनें मलबे में बही
अब तक 75 लोगों ने गंवाया जीवन, 37 अभी भी लापता
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चंबा। हिमाचल प्रदेश एक बार फिर भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से थर्रा उठा है। हिमाचल में अब दो जिलों में बादल फटने की घटना सामने आई है। बादल फटने से कई घर और जमीनें मलबे में बह गई हैं।
आपको बता दें कि चंबा जिले के चुराह क्षेत्र में भी रविवार सुबह बादल फटने की घटना हुई, जिससे कंघेला नाले में बाढ़ आ गई और नवनिर्मित पुल बह गया। यह पुल पहले भी वर्ष 2022 की बाढ़ में बह चुका था।
वहीं, शनिवार रात करीब ढाई बजे मंडी जिले की चौहारघाटी की सिल्हबुधानी पंचायत के कोरतंग नाले में बादल फटने से बाढ़ आ गई। गनीमत यह रही कि इस बार किसी प्रकार की जानी नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन इलाके में दहशत का माहौल है।
चंबा के कंघेला नाले पर बना यह पुल चार पंचायतों को मुख्य सड़क से जोड़ता था। पुल बहने से पूरे क्षेत्र का संपर्क शेष दुनिया से पूरी तरह कट गया है। राहत की बात यह है कि यहां भी किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन लोगों की आवाजाही और आपात सेवाएं पूरी तरह बाधित हो चुकी हैं।
हिमाचल के कई हिस्सों में बीती रात से लगातार मूसलधार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, शिमला, सोलन और कुल्लू जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है। मौसम वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने चेताया है कि आज दोपहर बाद और देर रात एक बार फिर तेज बारिश की एक और स्पेल आ सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, 9 जुलाई को वेस्टर्न डिस्टरबेंस थोड़ा कमजोर पड़ेगा, ऐसे में राज्य के सभी जिलों में यलो अलर्ट रहेगा। हालांकि, इससे पहले 8 जुलाई को ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा और कांगड़ा में फिर से भारी बारिश की चेतावनी (ऑरेंज अलर्ट) दी गई है।
20 जून से अब तक 37 लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए राहत एवं बचाव अभियान जारी है। इस मानसून सीजन में राज्य भर में 75 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें-
मंडी जिले में बीते दिनों आए प्राकृतिक कहर ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। अकेले 30 जून की रात को मंडी की सराज, नाचन, धर्मपुर और करसोग विधानसभाओं में 15 जगह बादल फटने की घटनाएं हुईं। सराज विधानसभा में ही 10 से ज्यादा स्थानों पर बादल फटे, जिससे करीब 20,000 की आबादी प्रभावित बताई जा रही है।
सैकड़ों घरों को नुकसान पहुंचा है, सेब के बाग उजड़ गए हैं, मवेशी बह गए हैं और कई परिवार बेघर हो गए हैं। मंडी में अब तक 14 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 32 लोग अब भी लापता हैं। राहत और बचाव अभियान में भारतीय सेना भी सक्रिय रूप से जुटी हुई है। सेना न केवल लोगों की तलाश कर रही है, बल्कि उन इलाकों में राशन और अन्य जरूरी वस्तुएं भी पहुंचा रही है, जहां सड़कें पूरी तरह बह चुकी हैं।