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April 4, 2025
कृषि मंत्री चन्द्र कुमार बोले- सरकारी टीचरों को खुद पर नहीं भरोसा, प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहे अपने बच्चे
सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या पर मंत्री ने जताई चिंता
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने सरकारी स्कूलों में घटती छात्र संख्या पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि अधिकतर सरकारी शिक्षक अपने ही बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाना पसंद कर रहे हैं, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि उन्हें अपनी शिक्षा प्रणाली पर पूरा भरोसा नहीं है। मंत्री ने यह बात जवाली स्थित लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित बैठक के दौरान कही, जिसमें जवाली, नगरोटा सूरियां और कोटला शिक्षा खंड के स्कूल प्रमुख शामिल हुए।
बैठक के दौरान चंद्र कुमार ने उन शिक्षकों की सराहना भी की, जो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षक न केवल शिक्षा व्यवस्था में विश्वास जताते हैं, बल्कि अन्य अभिभावकों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनते हैं।
मंत्री ने सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों से विशेष अभियान चलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को स्वयं आगे आकर घर-घर जाकर लोगों को सरकारी स्कूलों की सुविधाओं और गुणवत्ता के बारे में जागरूक करना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक अभिभावक अपने बच्चों को इन स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए प्रेरित हों।
चंद्र कुमार ने बैठक में यह भी कहा कि कई अध्यापक अपने कार्य को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जिससे छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। उन्होंने शिक्षकों की अनुशासनहीनता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अब हर स्कूल में उचित ड्रेस कोड लागू किया जाएगा, ताकि अनुशासन और पेशेवरता बनी रहे। स्कूल हेड को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि सभी शिक्षक निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करें।
मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते या अपने कर्तव्यों का पालन करने में लापरवाही बरतते हैं, उनकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि एक महीने बाद फिर से सभी स्कूल प्रमुखों की समीक्षा बैठक होगी, जिसमें यह देखा जाएगा कि किस स्कूल में छात्रों की संख्या में कितना इजाफा हुआ है। बहरहाल, सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे इन कदमों से शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।