#विविध
July 8, 2025
हिमाचल में यहां तीसरी बार फटा बादल- नाले में आई बाढ़, इधर-उधर भटक रहे सहमे लोग
कुछ ही मिनटों में बह गया सड़क का बड़ा हिस्सा
शेयर करें:
चंबा। हिमाचल प्रदेश के ऊपरी पर्वतीय क्षेत्रों में बरसात अब आफत का रूप लेने लगी है। एक के बाद एक बादल फटने की घटनाएं प्रदेश को झकझोर रही हैं। मंडी में भारी तबाही के बाद अब जिला चंबा के चुराह उपमंडल में आज सुबह पंगोला नाला में बादल फटने की खबर से हड़कंप मच गया।
घटना सुबह करीब छह बजे की है जब अचानक तेज बारिश के साथ पंगोला नाले में सैलाब आ गया। तेज बारिश और बादल फटने के कारण पंगोला नाले पर बना संपर्क मार्ग पूरी तरह बह गया। यह मार्ग गडफरी और थली पंचायतों को आपस में जोड़ता था।
ग्रामीणों के अनुसार, नाला उफान पर आने के कुछ ही मिनटों में सड़क का बड़ा हिस्सा बह गया और अब क्षेत्र पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गया है। अब इन दोनों पंचायतों का आपसी और बाहरी संपर्क पूरी तरह से कट गया है। वहीं, नाले में आई बाढ़ को देखकर आसपास के लोग रहने के लिए सुरक्षित स्थान ढूंढ रहे हैं। बुजुर्ग, महिलाएं व बच्चे सहमे हुए प्रृकित का भयवाह रूप से देख रहे हैं।
सबसे राहत की बात यह रही कि जिस समय बादल फटा और नाले में ऊफान आया, उस समय उस मार्ग से कोई भी वाहन नहीं गुजर रहा था। वरना बड़ी जनहानि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता था। हालांकि, अब मार्ग के दोनों ओर सरकारी और निजी बसें फंसी हुई हैं और छोटे वाहन भी किसी भी दिशा में नहीं जा पा रहे हैं।
इस घटना से चुराह क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है। बीते कुछ ही दिनों में यह तीसरी घटना है जब चुराह में बादल फटा हो। इससे पहले टिकरीगढ़ और बघेईगढ़ पंचायतों में भी एक ही दिन में दो बादल फटने की घटनाएं दर्ज हुई थीं। बघेईगढ़ में नकरोड़-चांजू मार्ग पर बना पुल बह गया था जिससे क्षेत्र में दिनभर यातायात पूरी तरह बाधित रहा था। टिकरीगढ़ के बंधा नाले में भी जलप्रलय ने लोगों की निजी जमीनों और खेतों को भारी नुकसान पहुंचाया था।
तहसीलदार तीसा, आशीष ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पंगोला नाले में सुबह-सवेरे बादल फटने से सड़क मार्ग पूरी तरह बह गया है। अब क्षेत्र में प्रशासन की टीमों को रवाना कर दिया गया है जो नुकसान का जायजा ले रही हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन इस घटना ने ग्रामीण जनजीवन को खासा प्रभावित किया है। बादल फटने की घटना के बाद लोगों में डर का माहौल है।
लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं से चुराह क्षेत्र के लोग मानसिक रूप से परेशान हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाए और राहत सामग्री जरूरतमंद गांवों तक पहुंचाई जाए। बरसात के मौसम में लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाएं अब स्थानीय विकास और जनजीवन के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं।