#विविध
February 17, 2025
अंग्रेजों को पीला सोना बेचेगा हिमाचल, आम हल्दी से कई मामलों में खास है यहां की हल्दी
ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन ने दिखाई दिलचस्पी, सीएम भी सहमत- अगली मीटिंग में बनेगी योजना
शेयर करें:
शिमला। एशिया का पीला सोना कही जाने वाली हल्दी जल्द अंग्रेजों के भोजन और रहन-सहन का हिस्सा होगा। हिमाचल प्रदेश की हल्दी आम हल्दी की तुलना में सबसे खास होती है, क्योंकि हिमाचली हल्दी में कर्क्यूमिन की मात्रा अधिक होती है, जो इसे सामान्य हल्दी की तुलना में अधिक औषधीय गुण प्रदान करती है। कर्क्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड है, जो शरीर में सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होता है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में हर रोज एक व्यक्ति एचआईवी पॉजिटिव, कांगड़ा सबसे टॉप पर
इसी खासियत को देखते हुए ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन ने जब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से सोमवार को चर्चा के दौरान दिलचस्पी दिखाई तो सीएम ने भी निर्यात की इच्छा जता दी। सुक्खू ने ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन के प्रतिनिधिमंडल कुल्लू में कृषि उद्योग और प्रदेश में भारतीय संचालित स्कॉटिश डिस्टिलरी की स्थापना पर भी चर्चा की।
इसके अलावा ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक वाहन, पर्यटन, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण आदि पर भी बात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूके की डिप्टी हाई कमिश्नर कैरोलिन रौवेट, यूके सरकार के राजनीतिक, प्रेस और परियोजना सलाहकार राजेंद्र एस. नागरोटी कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : संजौली अवैध मस्जिद मामला: वक्फ बोर्ड के झूठ का पर्दाफाश, 136 दिन में नहीं गिरी अवैध इमारत
हिमाचली हल्दी ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जिससे यह सर्दी, खांसी और अन्य संक्रमणों से बचाने में मदद करती है। हिमाचली हल्दी का उपयोग पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। यह पाचन तंत्र को सुधारने, त्वचा रोगों के इलाज और घाव भरने में मदद करती है। बिना रासायनिक खाद और कीटनाशकों के जैविक रूप से उगाई जा रही हिमाचली हल्दी के गुण सामान्य हल्दी से अलग होते हैं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : पंचतत्व में विलीन हुए बसंत, अंतिम विदाई दे बेसुध हुई पत्नी और बूढ़ी मां
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कृषि प्रौद्योगिकी (एग्रीटेक), ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक वाहन, पर्यटन, डेयरी उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, डाटा भंडारण और जल संसाधन प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में साझेदारी पर गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने इस क्षेत्र में यूके की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर पारस्परिक विकास और प्रगति को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया। कैरोलिन रौवेट ने हिमाचल प्रदेश और यूके के निवेशों के बारे में बताया।