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February 20, 2025

हिमाचल में एक और घोटाला ? आपदा प्रभावितों को बांट दिया PM आवास का पैसा

जारी करना था सुक्खू सरकार के आपदा पैकेज का पैसा, हाईकोर्ट ने वसूली पर लगाई रोक 

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another scam?

शिमला। गरीबों को छत देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें दो अलग योजनाओं का पैसा देती हैं। यह व्यवस्था पूरे देश में लागू है। लेकिन हिमाचल प्रदेश ने दोनों तरह के आवंटनों में घालमेल कर उल्टी गंगा बहाई है। 2023 की प्राकृतिक आपदा के दौरान रामपुर में कई लोगों के मकान या तो बह गए या फिर क्षतिग्रस्त हो गए

 

ऐसे में बाबुओं ने 17 प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार के स्पेशल पैकेज का पैसा देने के बजाय प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का पैसा बांट दिया। वह भी तब, जबकि ये 17 परिवार PMAY के पात्र ही नहीं थे।

प्रभावित परिवारों ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

इस बड़े घोटाले के सामने आने के बाद रामपुर के बीडीओ ने बांटे गए पैसे को वसूली करने का फरमान सुना दिया। लेकिन पहले ही बिना छत के गुजारा कर रहे प्रभावित परिवारों ने इस तुगलकी फरमान का विरोध करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने वसूली पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।

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इस गांव के 17 प्रभावितों के लिए पहले ही पैसा जारी कर चुकी है सरकार

सुक्खू सरकार ने आपदा राहत के तौर पर ज्यूरी के क्याओं गांव के 17 प्रभावितों के खातों में अपने हिस्से की रकम तीन किस्तों में जारी कर दी। लेकिन बीडीओ की जांच में पता चला कि प्रभावितों को प्रधानमंत्री आवास योजना (आपदा) का पैसा आवंटित कर दिया गया, जिसके वे पात्र ही नहीं थे। इसके बाद 4 फरवरी को प्रभावितों को बीडीओ ने रिकवरी नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर पैसा वापस करने के आदेश जारी कर दिए। बीडीओ के आदेश के खिलाफ प्रभावितों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।

PM आवास का आवेदन ही नहीं किया

हाईकोर्ट में दायर याचिका में सरकार ने वेरिफिकेशन करने के बाद पाया कि जिन लोगों को यह पैसा जारी किया गया है, वे इस योजना के तहत पात्र ही नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन ही नहीं किया था।

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गांव के लोगों ने सरकार से राहत मांगी थी। सरकार की ओर से यह धनराशि उन लोगों को आवंटित की गई, जिनके आपदा के दौरान या तो घर बह गए थे या घरों में दरारें आ गई थीं। हाईकोर्ट ने सरकार और अन्य प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने के आदेश दिए हैं।

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