#विविध

April 6, 2025

हिमाचली महिला ने छोटे से बगीचे से की शुरूआत, आज सालाना कमा रही 40 लाख रुपए

ग्रामीणों की लिए प्रेरणा बनीं अनीता नेगी

शेयर करें:

Apple Natural Farming

शिमला। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की वादियों में बसे छोटे से गांव तरगाली की महिला किसान अनीता नेगी ने यह साबित कर दिया है कि बदलाव लाने के लिए न बड़े खेतों की जरूरत होती है, न भारी मशीनों की- बस होनी चाहिए सोच में क्रांति और इरादों में मजबूती। अनीता ने रासायनिक खेती को अलविदा कहकर प्राकृतिक खेती की राह पकड़ी और अपने खेतों को फिर से जीवन से भर दिया।

बीमार होती जमीन से नई शुरुआत

एक समय था जब अनीता भी आम किसानों की तरह रासायनिक खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल कर रही थीं। लेकिन इसका असर मिट्टी से लेकर शरीर तक दिखने लगा—खुजली, जलन और लगातार थकान ने उन्हें झकझोर दिया।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : तेज रफ्तार कार चालक ने रौंदा बुजुर्ग, CCTV फुटेज देख परिजनों के खड़े हुए रौंगटे

गृहिणी से करोड़पति बनने तक का सफर

2018 में उन्होंने सुभाष पालेकर की प्राकृतिक खेती को अपनाने का फैसला किया। शुरुआत उन्होंने अपने रसोई बगीचे (किचन गार्डन) से की और फिर धीरे-धीरे तीन बीघा जमीन पर प्राकृतिक तौर पर सेब और अन्य फसलें उगाने लगीं। अनीता को खेती करते हुए करीब 25 साल हो गए हैं। आज 13 बीघा भूमि में जैविक कृषि कर सालाना 40 लाख रुपए से ज्यादा की आमदनी कर रही हैं।

सेहतमंद खेती, शानदार कमाई

आज अनीता अर्ली वैरायटी सेब उगा रही हैं, जो बाज़ार में 150 से 200 रुपये प्रति किलो तक बिक रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्राकृतिक विधि से सेब की नर्सरी भी तैयार की है, जिससे अन्य बागवानों को भी फायदा हो रहा है। उनकी इस पहल से गांव के लगभग 35 से 40 किसान अब प्राकृतिक खेती की ओर मुड़े हैं और बेहतर आमदनी के साथ सेहत भी हासिल कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें :  HPU की संपत्ति हो सकती है कुर्क! विस्तार से जानें क्या है पूरा मामला

प्रेरणा बनीं गांव की महिलाएं

अनीता अब सिर्फ एक किसान नहीं, बल्कि प्रशिक्षक और मार्गदर्शक बन चुकी हैं। वह अपने अनुभवों को साझा करती हैं, ट्रेनिंग सेशन आयोजित करती हैं और खासकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही हैं।

 

उनका मानना है- "प्राकृतिक खेती न सिर्फ जेब को भरती है, बल्कि शरीर को भी स्वस्थ रखती है।" अनीता की यह यात्रा हिमाचल ही नहीं, पूरे देश के लिए सशक्त महिला और टिकाऊ खेती का प्रतीक बन गई है।

पेज पर वापस जाने के लिए यहां क्लिक करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख