#हिमाचल
April 27, 2025
हिमाचल में दो महिला पंचायत प्रधानों पर गिरी गाज: एक सस्पेंड, दूसरी बर्खास्त- पैसों से जुड़ा है मामला
धन के दुरुपयोग और कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में कार्रवाई
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सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में पंचायतीराज अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई करते हुए ग्राम पंचायत संगड़ाह की महिला प्रधान नीलम को पद से बर्खास्त कर दिया गया है। डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 122(1)(झ) और 146(1)(क),(ख) के तहत नीलम को अयोग्य घोषित कर प्रधान पद से हटाया गया है।
इतना ही नहीं, धारा 146(2) के तहत नीलम को अगले 6 वर्षों के लिए किसी भी पंचायत पद के चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी ठहरा दिया गया है। साथ ही, ग्राम पंचायत संगड़ाह के प्रधान पद को रिक्त घोषित कर दिया गया है।
जरवा जुनैली पंचायत प्रधान आशा देवी सस्पेंड
वहीं, विकास खंड शिलाई की ग्राम पंचायत जरवा जुनैली की प्रधान आशा देवी पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप सिद्ध होने के बाद उन्हें पद से निलंबित कर दिया गया है। जिला पंचायत अधिकारी अभिषेक मित्तल ने बताया कि आशा देवी पर 4,44,535 रुपये के दुरुपयोग का प्रथम दृष्टि में दोषी पाए जाने के चलते यह कार्रवाई की गई है।
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स्थानीय निवासियों ने की थी शिकायत
पंचायत के स्थानीय निवासियों तोता राम, बली राम व अन्य ने आशा देवी के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि प्रधान ने नियमों के खिलाफ अपने भाई बाबूराम को ग्राम पंचायत वैंटर नियुक्त किया और विकास कार्यों में घोटाला किया। प्रारंभिक जांच में कुल 11,54,219 रुपये के सरकारी धन के दुरुपयोग की पुष्टि हुई, जिसमें से आशा देवी को 4,44,535 रुपये के दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार ठहराया गया।
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नियमित जांच होगी, संपत्तियों का सौंपना अनिवार्य
जिला पंचायत अधिकारी ने स्पष्ट किया कि नियमित जांच की प्रक्रिया के दौरान साक्ष्य प्रभावित न हों, इसलिए प्रधान आशा देवी को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया गया है। साथ ही उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि अगर पंचायत की कोई चल-अचल संपत्ति उनके पास है तो वह उसे तुरंत पंचायत सचिव को सौंपें।