#हिमाचल
March 5, 2025
हिमाचल में फिर बढ़ेंगे सीमेंट के दाम, अब इतना महंगा मिलेगा एक बैग
18 जनवरी को भी सीमेंट के दाम में 5 रुपये प्रति बैग का इजाफा हुआ था
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश में सीमेंट के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी हो सकती है। खबर के मुताबिक, दामों में करीब 5 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी होने की संभावना है। यह बढ़ोतरी निर्माण कार्यों के लिए एक और चिंता का कारण बन सकती है, क्योंकि इससे निर्माण लागत में भारी वृद्धि होगी।
पिछले दो वर्षों में सीमेंट के दामों में करीब 50 रुपये प्रति बैग तक की वृद्धि हो चुकी है। इससे पहले भी कई बार दामों में इजाफा हुआ है, जिससे प्रदेश में निर्माण कार्यों के लिए लागत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सीमेंट के बढ़ते दामों ने आम जनता और बिल्डरों दोनों को मुश्किल में डाल दिया है।
सीमेंट के दामों में यह पहली बढ़ोतरी नहीं है। 18 जनवरी को भी सीमेंट के दाम में 5 रुपये प्रति बैग का इजाफा हुआ था। इसके अलावा, 17 दिसंबर 2024 को डीलरों का इंसेंटिव खत्म होने के बाद 10 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी की गई थी। इससे पहले, 9 सितंबर 2024 को 15 रुपये और 23 अगस्त 2024 को 10 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी की गई थी।
उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सीमेंट कंपनियों ने दाम बढ़ाने की पूरी तैयारी कर ली है। इस बार भी सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी का असर न केवल आम जनता पर पड़ेगा, बल्कि बिल्डरों और ठेकेदारों पर भी असर दिखेगा। पवन बरूर, एक सीमेंट विक्रेता, के अनुसार, सीमेंट के दामों में 5 रुपये प्रति बैग का इजाफा हो सकता है, हालांकि इसके पीछे का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
अगर सीमेंट के दामों में 5 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी होती है, तो बिलासपुर में दाम 495 रुपये प्रति बैग तक पहुंच सकते हैं। अन्य जिलों में यह दाम और भी ज्यादा हो सकते हैं। यह दाम केवल हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे हैं, जबकि पड़ोसी राज्यों में इनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस बढ़ोतरी के कारण, आवासीय और व्यावसायिक निर्माण कार्यों की लागत बढ़ेगी, जिससे नए घरों और इमारतों के निर्माण में खर्च बढ़ सकता है। साथ ही, सड़क, पुल और सरकारी इमारतों के निर्माण की लागत में भी वृद्धि हो सकती है, जिससे विकास कार्यों की गति प्रभावित हो सकती है।
बता दें कि प्रदेश में तीन प्रमुख सीमेंट कंपनियों के प्लांट संचालित होने के बावजूद, प्रदेश के लोगों को पड़ोसी राज्यों की तुलना में महंगा सीमेंट खरीदना पड़ रहा है। यह स्थिति प्रदेश के लिए चिंता का विषय बन चुकी है।