#अपराध
March 31, 2025
हिमाचल में 3 महिला नशा तस्कर अरेस्ट- कोई झाड़ियों के पीछे बुलाती थी ग्राहक- कुछ ने घर को बनाया था अड्डा
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने मारा छापा
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सिरमौर/कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करी का कारोबार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है- जो कि सूबे के लिए बेहद चिंता की बात है। इस काले कारोबार में अब केवल पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं भी संलिप्त पाई जा रही हैं। हाल के वर्षों में पुलिस और नारकोटिक्स विभाग ने कई ऐसी महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जो नशे के कारोबार में लिप्त थीं।
ताजा मामले में पुलिस टीम को तीन महिला नशा तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। पुलिस टीम को ये सफलता दो अलग-अलग मामलों में मिली है। पुलिस टीम ने आरोपी महिलाओं ने नशे की खेप भी बरामद की है।
पहला मामला सिरमौर जिले से सामने आया है- जहां पांवटा साहिब क्षेत्र में पुलिस टीम ने अवैध शराब के साथ एक महिला को गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस टीम को ये सफलता गुप्त सूचना के आधार पर मिली है। पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि श्यामपुर इलाके में तारो देवी नाम की महिला अवैध शराब का धंधा करती है। इसी सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने घर पर दबिश दी तो महिला के घर के पास झाड़ियों से पुलिस टीम को 5 लीटर अवैध शराब बरामद हुई।
ऐसे में पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके पर अवैध शराब को अपने कब्जे में लेकर महिला को हिरासत में ले लिया। साथ ही उसके खिलाफ पुरुवाला में आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी।
दूसरा मामला कुल्लू जिले से सामने आया है- यहां पुलिस टीम ने हुरला में दो महिलाओं को भी अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने महिलाओं से 9 लीटर अवैध शराब बरामद की है। पुलिस ने ये कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की है। जिसके तहत एक महिला के घर से 5 लीटर और दूसरी के घर से 4 लीटर अवैध शराब बरामद की गई है। दोनों ही मामलों में पुलिस टीम ने अवैध शराब को अपने कब्जे में लेकर तीनों महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस टीम द्वारा मामले की गहनता से जांच की रही है।
महिलाओं की इस बढ़ती संलिप्तता से समाज पर गंभीर असर पड़ रहा है। यह न केवल युवा पीढ़ी को नशे की ओर धकेल रहा है, बल्कि पारिवारिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचा रहा है। महिलाएं परिवार की रीढ़ होती हैं, और जब वे ही इस दलदल में फंस जाती हैं, तो इसका असर बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों पर भी पड़ता है।