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June 11, 2025

विमल नेगी केस : CBI की रडार पर कई पुलिस अफसर, 4 घंटे तक की पूछताछ- हुए बड़े खुलासे

CBI की जांच ने पकड़ी रफ्तार, हर कड़ी खंगाल रही टीम

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Vimal Negi Case

शिमला। हिमाचल प्रदेश के चर्चित चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में CBI तेजी से जांच कर रही है। बीते कल को जांच एजेंसी ने पुलिस SIT के पांच अधिकारियों को पूछताछ के लिए CBI कार्यालय बुलाया। इस पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं।

SIT के अधकारियों से पूछताछ

CBI ने पांचों अधिकारियों और कर्मचारियों से गहतना से अलग-अलग बैठाकर लगभग चार घंटे तक पूछताछ की। यह पूछताछ मामले से जुड़े उन तमाम तथ्यों को स्पष्ट करने के लिए की गई, जो अब तक रहस्य बने हुए थे।

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मोबाइल फोन भी लिए कब्जे में

CBI सूत्रों के अनुसार, CBI अधिकारियों ने SIT के अधिकारियों और कर्मचारियों से शाम पौने चार बजे तक सवाल-जवाब किए। CBI ने पुलिस SIT से सारे रिकॉर्ड कब्जे में ले लिए हैं। इतना ही नहीं जो SIT द्वारा पावर कॉरपोरेशन के सात इंजीनियर और कर्मचारियों को मोबाइल कब्जे में लिए गए थे। CBI ने उन मोबाइल फोन को भी नई दिल्ली में फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। 

CBI ने मांगा पूरा रिकॉर्ड

विदित रहे कि, HPCL ने SIT को 25 हजार पृष्ठों के रिकॉर्ड की फोटोस्टेट कॉपियां दी थीं। मगर CBI ने फोटोस्टेट कॉपियां लेने से मना कर दिया था। CBI ने HPCL से इस रिकॉर्ड की ओरिजिनल कॉपी मांगी है। CBI ने इसके लिए पावर कॉपरेशन को दो दिन का समय दिया है।

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ब्लैक डायरी और पेन ड्राइव से मलेंगे सुराग

मामले की गहराई को समझने के लिए विमल नेगी की ब्लैक डायरी और पेन ड्राइव को भी फोरेंसिक जांच के लिए जुन्गा भेजा गया है। इनसे यह अंदेशा है कि कुछ अहम सुराग मिल सकते हैं, जो पूरे मामले की दिशा बदल सकते हैं। परिजनों द्वारा लगाए गए मानसिक दबाव के आरोपों की भी सीबीआई जांच कर रही है।

 

मामले से जुड़े प्रशासनिक दस्तावेज जैसे कि अतिरिक्त मुख्य सचिव की जांच रिपोर्ट, पूर्व DGP का शपथपत्र, और SIT द्वारा तैयार की गई स्टेटस रिपोर्ट को गहनता से पढ़ा जा रहा है। CBI ने अब तक विमल नेगी की पत्नी और भाई से दो बार अलग-अलग पूछताछ की है। एजेंसी उनके बयान और मानसिक अवस्था से जुड़ी जानकारी को भी केस का अहम हिस्सा मान रही है।

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CBI को हाईकोर्ट से मिली जिम्मेदारी

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस संवेदनशील मामले की जांच CBI को सौंपी थी। न्यू शिमला थाना में दर्ज FIR को आधार बनाते हुए सीबीआई ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं, राज्य सरकार ने इस केस में प्रशासनिक जांच की जिम्मेदारी ओंकार शर्मा को सौंपी थी, जिनकी रिपोर्ट को भी अब एजेंसी गहनता से खंगाल रही है।

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