#अपराध
May 21, 2025
विमल नेगी केस में अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला, चार्जशीट दाखिल करने पर लगाई रोक
प्रदेश की निगाहें अदालत के अगले फैसले पर टिकी हैं
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के पावर कॉर्पोरेशन में कार्यरत मुख्य अभियंता विमल नेगी की संदिग्ध मौत को लेकर चल रही न्यायिक प्रक्रिया ने एक अहम मोड़ ले लिया है। इस संवेदनशील मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
यह मामला न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ के समक्ष आया। राज्य सरकार ने अदालत में दो महत्वपूर्ण जांच रिपोर्टें पेश कीं। पहली रिपोर्ट प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओकार चंद शर्मा द्वारा की गई प्रशासनिक जांच की है, जबकि दूसरी शिमला पुलिस द्वारा तैयार की गई 134 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट है। अदालत ने दोनों रिपोर्टों को आधिकारिक रिकॉर्ड का हिस्सा बना लिया है।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि जब तक इस मामले पर अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तब तक शिमला पुलिस इस केस में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकेगी। यह निर्देश इस मामले की गंभीरता और न्यायिक संतुलन को दर्शाता है।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए यह चर्चा फिर से तेज हो गई है कि क्या हाईकोर्ट इस केस को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का आदेश देगा। विमल नेगी की मौत के बाद से ही उनके परिजन और कई सामाजिक संगठन मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
विमल नेगी की रहस्यमयी मौत ने प्रदेश में आक्रोश और संवेदना दोनों को जन्म दिया है। इंजीनियरिंग सेवा में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी की संदिग्ध हालात में मौत और उसके बाद की जांच पर उठते सवालों ने जनता के मन में कई शंकाएं पैदा कर दी हैं। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक न्याय की मांग उठ रही है।
अब सबकी निगाहें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, जो आने वाले कुछ दिनों में सामने आ सकता है। यह फैसला न केवल नेगी परिवार को राहत देगा, बल्कि प्रदेश के नागरिकों में न्यायिक प्रक्रिया पर विश्वास को भी मजबूती देगा।