#अपराध
November 15, 2025
जम्मू-कश्मीर के थाने में ब्लास्ट: 9 ने तोड़ा दम, दिल्ली धमाके से जोड़े जा रहे लिंक
आतंकी हमले की आशंका तेज
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दिल्ली। श्रीनगर में शुक्रवार रात 11:20 बजे नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए भीषण धमाके ने पूरे जम्मू-कश्मीर को दहला दिया। पुलिस स्टेशन के पार्किंग एरिया में हुए इस विस्फोट में अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 29 घायल हैं। घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी शामिल हैं। कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। घायलों का इलाज 92 आर्मी बेस हॉस्पिटल और SKIMS सौरा में चल रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक, धमाका तब हुआ जब पुलिस व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल मामले में हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त किए गए विस्फोटक की जांच कर रही थी। विस्फोटक की सैंपलिंग के दौरान अचानक हुए ब्लास्ट को लेकर दो एंगल से जांच चल रही है। पहला, क्या यह तकनीकी गलती के चलते हुआ, और दूसरा, कहीं इसे ट्रिगर कर आतंकी हमला तो नहीं किया गया। ब्लास्ट के बाद जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी ग्रुप PAFF ने हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।
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यह विस्फोट उसी सामग्री में हुआ जिसे फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल गनई के किराए के घर से बरामद किया गया था। गनई दिल्ली के लालकिला मेट्रो स्टेशन ब्लास्ट के बाद गिरफ्तार 8 आतंकियों में शामिल है। पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि क्या पूरा 360 किलो विस्फोटक पुलिस स्टेशन में ही रखा गया था। याद रहे, 10 नवंबर को लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास i20 कार में ब्लास्ट हुआ था जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी। केंद्र सरकार इसे आतंकी हमला घोषित कर चुकी है।
इस पूरे मॉड्यूल की शुरुआत 19 अक्टूबर को हुई जब नौगाम के बनपोरा इलाके में धमकी भरे पोस्टर लगे मिले। CCTV फुटेज के आधार पर तीन युवकों आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में शोपियां के मौलवी इरफान अहमद का नाम सामने आया, जिस पर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और पोस्टर देने का आरोप है।
जांच आगे बढ़ी तो पुलिस अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद पहुंची और वहाँ से दो डॉक्टर डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया। इनके पास से 2900 किलो IED बनाने वाली सामग्री अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर मिली। पुलिस का दावा है कि पूरा आतंकी मॉड्यूल तीन डॉक्टरों द्वारा संचालित था।
CCTV फुटेज में धमाके की तीव्रता साफ दिख रही है आसपास के घरों की खिड़कियां तक हिल गईं। पुलिस स्टेशन की पार्किंग में खड़ी कई गाड़ियां जलकर राख हो गईं।
यह ब्लास्ट सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि उस बड़े आतंकी मॉड्यूल की परतें खोल रहा है जिसने दिल्ली से श्रीनगर तक अपने नेटवर्क फैला रखे थे। दिल्ली ब्लास्ट का मुख्य मास्टरमाइंड उमर नबी मुठभेड़ में मारा गया था, जबकि दो डॉक्टर मुजफ्फर राथर और अदील राथर अभी भी फरार हैं। फिलहाल नौगाम ब्लास्ट की जांच कई एजेंसियां मिलकर कर रही हैं और पूरा मामला एक बड़े आतंकी षड्यंत्र की ओर इशारा करता दिख रहा है।