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April 18, 2025

विमल नेगी मामले में प्रोजेक्ट मैनेजर से लंबी पूछताछ, SIT ने 4 घंटे तक पूछे कई अहम सवाल

प्रोजेक्ट मैनेजर से चार घंटे पूछताछ, SIT की जांच में तेज़ी

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himachal news

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पावर कार्पोरेशन से जुड़े मुख्य अभियंता विमल नेगी के मामले में जांच तेज़ होती जा रही है। एसएसपी शिमला द्वारा गठित 7 सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) इस मामले के हर पहलू की गहराई से छानबीन कर रही है। गुरुवार को SIT ने प्रोजेक्ट मैनेजर विपिन गुलेरिया से लगभग चार घंटे तक गहन पूछताछ की। इससे पहले बुधवार को भी विपिन गुलेरिया और मनीष चौधरी से लंबी पूछताछ की गई थी।

अन्य अधिकारियों से भी होगी पूछताछ

विदित है कि, SIT अब तक निलंबित निदेशक देशराज और पूर्व प्रबंधक हरिकेश मीणा से पूछताछ कर चुकी है। इनके बयान और घटनास्थल से जुटाए गए डिजिटल सबूतों की गहनता से तुलना और पुष्टि की जा रही है। जांच में पाया गया है कि कई महत्वपूर्ण अधिकारी इस मामले में संलिप्त हो सकते हैं, जिनमें पूर्व निदेशक (कार्मिक) शिवम प्रताप सिंह और अन्य कर्मचारी शामिल हैं।

 

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इन सभी से जल्द ही पूछताछ की जाएगी। SIT देशराज और हरिकेश मीणा को एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी में है। दोनों के पूर्व में दिए गए बयानों को रिकॉर्ड किए गए सबूतों के साथ मिलाया जा रहा है। इसी प्रक्रिया के तहत गुरुवार को विपिन गुलेरिया से सवाल-जवाब किए गए, जिससे मामले की तस्वीर और स्पष्ट हो सके।

वैज्ञानिक तरीके से जांचे जा रहे डिजिटल साक्ष्य

पुलिस टीम ने पहले ही पावर कार्पोरेशन के दफ्तर से संबंधित रिकॉर्ड अपने कब्जे में ले लिया है। इसके साथ-साथ मौके की सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। डिजिटल साक्ष्यों को वैज्ञानिक तरीके से जांचा जा रहा है, ताकि यह तय किया जा सके कि विमल नेगी के परिवार द्वारा लगाए गए आरोप कितने सच हैं।

 

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विमल नेगी के परिजनों का आरोप है कि उन्हें कार्यालय में मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था। बताया जा रहा है कि उनसे देर रात तक काम करवाया जाता था और उन पर अत्यधिक दबाव बनाया जाता था। परिजनों का यह भी कहना है कि ऊपरी अधिकारियों के व्यवहार से परेशान होकर ही विमल नेगी ने यह आत्मघाती कदम उठाया।

हर एंगल से हो रही जांच

SIT फिलहाल इस मामले के हर एंगल की गंभीरता से जांच कर रही है। परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों और उच्चाधिकारियों की भूमिका को लेकर अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि मामला बेहद संवेदनशील और जटिल है।

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