#अपराध

September 19, 2025

हिमाचल : नशे में टल्ली था पंचायत सेक्रेट्री, लोगों ने की शिकायत- उठा ले गई पुलिस

कामकाज करवाने आए ग्रामीण- सचिव की हालत देख उड़े होश

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Nadaun Panchayat Secretary

हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नादौन उपमंडल में गुरुवार को ग्राम पंचायत का सचिव दोपहर के समय शराब के नशे में धुत्त होकर पंचायत घर पहुंच गया।

ग्राम पंचायत सचिव हुआ टल्ली

ग्रामीण जब अपने कामकाज के लिए पंचायत घर पहुंचे, तो वहां का नजारा देखकर हैरान रह गए। पंचायत सचिव को नशे की हालत में देख ग्रामीणों ने इसकी तुरंत सूचना नादौन थाना पुलिस को दी।

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लोगों ने की शिकायत

सूचना मिलते ही थाना प्रभारी निर्मल सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पंचायत सचिव की हालत संदिग्ध पाकर उसे नादौन अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसका मेडिकल परीक्षण किया।

उठा ले गई पुलिस

शुरुआती परीक्षण में पुष्टि हुई कि सचिव शराब के नशे में था। इसके बाद पुलिस ने आवश्यक दस्तावेज तैयार कर रिपोर्ट BDO नादौन को भेज दी है, ताकि आगे की कार्रवाई तय की जा सके।

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लोगों को काम में डाली बाधा

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत सचिव के इस तरह के व्यवहार से न केवल पंचायत कार्यालय की गरिमा ठेस पहुंचती है, बल्कि आम लोगों के जरूरी काम भी बाधित होते हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी कर्मचारी इस तरह की लापरवाही करने की हिम्मत न जुटा सके।

सचिव का हुआ मेडिकल

नादौन थाना के SHO निर्मल सिंह ने बताया कि पुलिस को जैसे ही शिकायत मिली, टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई थी। सचिव को नशे में पाया गया और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और रिपोर्ट संबंधित विभागीय अधिकारी को सौंप दी गई है।

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मिलनी चाबिए कड़ी सजा

वहीं, लोगों का कहना है कि जब जिम्मेदार अधिकारी ही अपनी ड्यूटी के दौरान शराब के नशे में धुत्त पाए जाएंगे, तो आम जनता का कामकाज प्रभावित होना स्वाभाविक है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत सचिव के खिलाफ विभागीय जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

 

स्थानीय लोग उम्मीद जता रहे हैं कि प्रशासन इस मामले में कड़ा रुख अपनाएगा और पंचायत सचिवों व कर्मचारियों को यह संदेश जाएगा कि सरकारी कार्यालय अनुशासन और ईमानदारी से चलने चाहिए, न कि लापरवाही और गैरजिम्मेदारी से।

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