#अपराध
April 19, 2025
हिमाचल: समारोह से लौटे माता पिता को इस हाल में मिला 14 वर्षीय बेटा, निकल गई चीखें
9वीं कक्षा के छात्र ने घर में उठाया गलत कदम
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बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में आए दिन नाबालिग बच्चों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। नाबालिगों द्वारा आत्महत्या करने से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। ऐसा ही एक दर्दनाक मामला प्रदेश के जिला बिलासपुर से सामने आया है। यहां एक नाबालिग बच्चे ने अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है।
जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिले के घुमारवीं उपमंडल के टिक्कर गांव से यह दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां 14 वर्षीय एक छात्र ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक छात्र की पहचान अर्पित पुत्र अरविंद के रूप में हुई है, जो एक निजी स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ता था।
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बीते कल यानी शुक्रवार को जब अर्पित के माता-पिता किसी पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए घर से बाहर गए हुए थे। इसी दौरान घर में अकेले मौजूद अर्पित ने संदिग्ध परिस्थितियों में फंदा लगा लिया। जब माता-पिता घर लौटे तो उन्होंने बेटे को फंदे से लटका पाया और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और अर्पित को फंदे से उतारकर घुमारवीं अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना से परिवार सहित पूरे गांव में शोक की लहर है।
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घुमारवीं के डीएसपी चंद्रपाल ने पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की जांच की जा रही है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि बच्चे ने यह कदम क्यों उठाया। आत्महत्या के पीछे क्या कारण रहे, इसे जानने के लिए परिजनों और स्कूल से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है।
कम उम्र में बच्चों द्वारा उठाए जा रहे ऐसे कदम समाज के लिए बेहद चिंताजनक हैं। यह घटना न सिर्फ एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि यह हम सभी को यह सोचने पर मजबूर करती है कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्थिति पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
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बहरहाल, बिलासपुर की इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि किशोरावस्था में बच्चों को भावनात्मक सहयोग और उचित मार्गदर्शन की कितनी आवश्यकता होती है। परिजनों और समाज को मिलकर यह प्रयास करना होगा कि कोई बच्चा अपने भीतर के दर्द से अकेला न जूझे।